राज्यपाल ने थामी टेनिस की रैकेट, मौका था अंतरराष्ट्रीय जूनियर टेनिस टूर्नामेंट का

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वर्ल्ड जूनियर टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन भिलाई और छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। नई पीढ़ी के युवा खेलों में भी अपना करियर तलाश रहे हैं और यहां भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं इस आयोजन के माध्यम से हमारे प्रदेश की प्रतिभा को आगे बढ़ने के लिए गहरी प्रेरणा मिलेगी। यह बहुत शुभ संकेत है। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भिलाई में अंतरराष्ट्रीय जूनियर टेनिस स्पर्धा के शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने टेनिस का रैकेट भी थामा और 5 मिनट इस खेल में हाथ भी आजमाए। वे आज भिलाई में आईटीएफ वर्ल्ड जूनियर टेनिस टूर्नामेंट के आयोजन का शुभारंभ करने पहुँची थीं। टूर्नामेंट का आयोजन इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन एवं आल इण्डिया टेनिस एसोसिएशन के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ प्रदेश टेनिस संघ एवं भिलाई स्टील प्लांट के सहयोग से हो रहा है। 

    राज्यपाल ने कहा कि जीवन में खेलों के महत्व से हम सभी परिचित हैं। जिस तरह अच्छी शिक्षा और संस्कार जीवन के लिए जरूरी है, उसी तरह स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर जीवन के लिए खेल महत्वपूर्ण है। हमारे देश में खेलों के विकास का एक नया दौर आरंभ हो चुका है। खेलों के प्रति लोगों की सोच में भी परिवर्तन दिखाई दे रहा है। सबसे बड़ी बात है कि देश एवं प्रदेश की ऐसी प्रतिभाएं अब खेलों के माध्यम से अपना करियर एवं भविष्य तलाशने लगी हैं, यह एक अच्छा संकेत है और मुझे विश्वास है कि खिलाड़ियों के सपने पूरे हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय हम साल भर से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। हमने लॉकडाउन का भी सामना किया। उस दौरान सारी गतिविधियां ठप हो गई थी। साथ ही एक मानसिक तनाव का माहौल रहा है। धीरे-धीरे फिर से दुनिया ने करवट बदली और कोरोना से बचने के उपायों का पालन करते हुए कुछ आयोजनों की शुरूआत हुई है। इस अवसर पर मेरा सभी से विशेष आग्रह है कि कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों का अवश्य पालन करें। 

    उन्होंने कहा कि जूनियर टूर्नामेंट जैसे खेलों के आयोजनों से हमें मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी, साथ ही ऊर्जा का संचार भी होगा। अभी छत्तीसगढ़ में रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के तहत क्रिकेट मैच का आयोजन किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि मैं इंडिया लीजेंड और साउथ अफ्रीका लीजेंड के मैच को देखने गई हुई थी और अंत तक मैंने मैच का आनंद लिया। खिलाड़ियों की प्रतिभा और उनके जज्बे साथ ही दर्शकों के उत्साह को देखकर मैं भी रोमांचित हो उठी। हर किसी को कोई न कोई खेल खेलना चाहिए। खेल किसी भी परिस्थिति में और हर चुनौती से लड़ने की क्षमता पैदा करती है। खेल हमें सिखाते हैं कि कभी हिम्मत न हारे और निरंतर अपने कार्यों में लगे रहें। साथ ही दूसरी ओर यह हमें धैर्यवान भी बनाते हैं क्योंकि कोई भी खिलाड़ी धैर्य खो देगा तो वह उसके और उसकी टीम का हार का कारण बन सकती है। इससे यह भी शिक्षा मिलती है कि अंतिम समय तक संघर्ष करते रहना चाहिए और हार नहीं मानना चाहिए। जो भी व्यक्ति समर्पण भाव से और लगन के साथ मेहनत करता है उसे जरूर लक्ष्य की प्राप्ति होती है। 

    सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास की व्यापक संभावनाएं है। ग्रामीण और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण इस प्रदेश में ऊर्जावान और स्फूर्तिवान प्रतिभाएं भी सहज रुप से सुलभ हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि छत्तीसगढ़ के प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए औद्योगिक समूहों, सामाजिक संस्थाओं को भी पहल करनी चाहिए। निश्चित ही हमारे प्रदेश के युवा भी खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगे। 

    उल्लेखनीय है कि इस टूर्नामेंट में 110 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें भारत और अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, रोमानिया, कजाकिस्तान के खिलाड़ी शामिल हैं।

    इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दास गुप्ता ने कहा कि सेल द्वारा हमेशा खेल प्रतिभाओं को उभारने की दिशा में काम किया जाता है। हम लगातार खेल प्रतिभाओं को निखारने की दिशा में काम कर रहे हैं।

    इस मौके पर छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव गुरचरण सिंह होरा भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को उत्साहित करने राज्यपाल ने अपना अमूल्य समय निकाला। इससे सबको बड़ी खुशी हुई 


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