हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड में करोड़ों के घोटाले की शासन से मांगा जवाब : रिजवी

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रायपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने जानकारी देते हुए बताया है कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के लगभग पन्द्रह वर्षों के कार्यकाल में हुए करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश करने एक याचिका हाईकार्ट में दायर हुई है। मामले में सुनवाई पर हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के अन्दर राज्य शासन से जवाब तलब किया है। अधिवक्ता सैय्यद इकबाल अहमद रिजवी ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मनोज कुमार दुबे के माध्यम से यह याचिका दायर की है। इस याचिका में बताया गया है कि लगभग 15-16 वर्षों के अन्तराल में तत्कालीन वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी सलीम अशरफी एवं सी.ई.ओ. पशु चिकित्सक साजिद अहमद फारूकी दोनों ही अपने-अपने पदों पर कुंडली मारकर बैठे रहे तथा उन्होंने अवैध रूप से वक्फ सम्पत्ति को बेचा, सम्पत्ति को बहुत कम कीमत पर किराए पर दी तथा लीज पर दी गई का किराया निहित स्वार्थ के तहत तीन एकड़ शहर के बीचो बीच स्थित़ बेशकीमती तीन एकड जमीन के भूखण्ड को वर्तमान दर से कम यानि मात्र एक हजार रूपए प्रति माह की दर से 30 साल के लिए लीज पर दे दिया। वक्फ बोर्ड सम्पत्ति के घोटालों में तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा पेश किए गए नौ करोड़ के फर्जी बिल भी शामिल हैं।

          रिजवी ने बताया है कि बिलासपुर स्थित तीन एकड़ की वक्फ सम्पत्ति को बहुत कम कीमत पर बिलासपुर के स्थान पर रायपुर स्थित वक्फ बोर्ड के कार्यालय में बिना किसी को सूचित किए चुपके से नीलाम कर दी गई। उक्त नीलामी की राशि का अतापता नहीं है। हिसाब में गड़बड़ी एवं अनियमितता की जानकारी होने पर 20 जून 2019 को तत्कालीन सी.ई.ओ. डा. जहीरूद्दीन ने सचिव अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्प संख्यक विभाग को सप्रमाण शिकायत पेश किया परन्तु सचिव ने न ही शिकायत पर संज्ञान लिया और न ही करोड़ों के घोटाले की जांच की। सचिव से कोई सकारात्मक कार्यवाही न होने पर करोड़ों के घोटाले के प्रकरण का पर्दाफाश करने के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा।  


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