सरकारी अस्पतालों में लू से प्रभावित मरीजों के ईलाज के लिए होगी आइसोलेशन की व्यवस्था

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कोरबा : जिले में भीषण गर्मी एवं लू से होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने तथा सभी क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कवायद शुरू हो गई है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज इस मुद्दे पर वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी राजस्व अधिकारियों, जनपद सीईओ, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली। कलेक्टर श्रीमती कौशल के बैठक में भीषण गर्मी एवं लू से होने वाली बीमारियों से बचाव संबंधी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी. बी. बोडे को दिए। उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून माह के दौरान भीषण गर्मी पड़ने एवं लू चलने से जन-जीवन प्रभावित होता है जिससे जन-साधारण को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर ने कहा कि लू से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए तहसील स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित की जाएगी। अत्याधिक प्रभावित स्थलों के लिए मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था भी की जाएगी। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सीएमएचओ को सभी सरकारी अस्पतालों में लू से प्रभावित मरीजों के ईलाज के लिए आईसोलेशन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अत्याधिक गर्मी से पीड़ित बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाए। आवश्यकतानुसार सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल एवं जीवन रक्षक घोल ओ. आर. एस. की समुचित व्यवस्था की जाए। कलेक्टर ने लू से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल उपचार के लिए दवाईयों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश बैठक में दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया भी मौजूद रहीं।

कलेक्टर ने गर्मी के मौसम में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जरूरी इंतजाम और व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने सभी नल-जल योजनाओं, स्पाॅट सोर्स योजनाओं और हैण्डपंपों को आवश्यकतानुसार मरम्मत और मैन्टेनेंस कराने के लिए भी निर्देशित किया। बैठक में पाली के तहसीलदार द्वारा कई दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ग्रामीणों द्वारा ढोंढ़ियों से पानी लाने की जानकारी दी गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री गौड़ ने बताया कि ऐसे दुर्गम स्थानों पर बसाहटों तक हैण्डपंप बनाने या पेयजल की किसी भी प्रकार की व्यवस्था के लिए मशीनें-गाड़ियां आदि भी नहीं पहुंच पातीं हैं। ऐसी जगहों पर ढोंढ़ियां ही पानी के मुख्य स्रोत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे सभी दुर्गम स्थानों पर ढोंढ़ियो के पानी के शुद्धीकरण और ढोंढियों को पक्का करने के निर्देश भी शासन द्वारा दिए गए हैं।

कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बैठक में जिले के दुर्गम-दूरस्थ वनांचलों में पीने के पानी के लिए उपयोग होने वाले ऐसी ढोंढ़ियों को पक्का करने एवं उनके पानी का क्लोरीनेशन करने के निर्देश दिए। विकासखण्ड पाली के ग्राम पंचायतों कोड़ार, मानिकापुर, कांजीपानी, राहा, रामाकछार, तेलसरा, उड़ान, झाझ एवं पड़ाड़ गांव के अंतर्गत आने वाले विभिन्न मजरों-टोलों सहित जिले के अन्य सुदुर-दुर्गम जगहों की ढोढ़ियों का पक्काकरण किया जाएगा। ढोंढ़ियों का पक्काकरण ग्राम पंचायत में उपलब्ध 15वें वित्त की राशि से किया जाएगा। ढोंढ़ियों में क्लोरीन डालकर पानी को नियमित रूप से साफ करने के भी निर्देश कलेक्टर श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को हैण्डपंप स्पेयर्स सामाग्री एवं राइजर पाइप का पर्याप्त भण्डारण, भण्डार गृह में करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक प्रत्येक विकासखण्ड में विशेष हैण्डपंप संधारण अभियान चलाकर सभी बिगड़े हैण्डपंपों को सुधारा जाए। आवश्यकतानुसार किराये पर मोबाइल यूनिट का उपयोग भी किया जा सकता है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने विभिन्न तकनीकी समस्याओं जैसे पावर पंप, पैनल किट खराबी, पाइप लाइन लिकेज आदि के कारण बंद नलजल योजनाओं को तत्काल चालू करवाने के निर्देश दिए।


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