यात्रीगण सावधान! कहीं आप भी तो ट्रेनों में नहीं करते धूमपान, भारी जुर्माना के साथ इतने साल की जेल

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 रेलवे ने ट्रेनों में धूमपान और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने के खिलाफ कई तरह के उपायों की घोषणा की है। इसने जोनल रेलवे को आग लगने की घटनाओं के खिलाफ सावधान करने के लिए कर्मचारियों समेत सभी साझीदारों के बीच सघन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है। रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाना दंडनीय अपराध है। इसके तहत दोषियों को तीन साल जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है।

बताते चलें कि हाल में चलती ट्रेनों और रेल परिसरों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इनमें दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सपे्रस में आग लगने की घटना भी शामिल है। इसकी शुरुआती जांच में पाया गया कि टॉयलेट डस्टबिन में सिगरेट का जलता टुकड़ा डालने से यह घटना घटी। एक अन्य घटना में दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। सबसे घातक घटना इस महीने की शुरुआत में कोलकाता के पूर्वी रेलवे मुख्यालय की थी, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई थी।

रेलवे बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि ट्रेनों में 'नो-स्मोकिंग' नियम सख्ती से लागू किया जाएगा, रेल के माध्यम से ज्वलनशील पदार्थों को ले जाने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पर्चे और स्टिकर का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा नुक्कड़ नाटकों का संचालन किया जाएगा, स्टेशनों पर लगातार इसकी घोषणा की जाएगी और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में विज्ञापन दिए जाएंगे।

रेलवे ने कहा है कि आग की घटनाओं की वजह से विभिन्न जोनल रेलवे में संपत्तियों का नुकसान और जीवन के लिए खतरा पैदा हुआ है, जिसमें से कुछ घटनाएं ट्रेन में धूमपान करने या ज्वलनशील सामग्री के परिवहन के कारण हुईं। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रेलवे ने 22 मार्च (सोमवार) से अभियान शुरू किया है। जोनल रेलवे को ट्रेनों और रेलवे परिसरों में धूम्रपान के खिलाफ गहन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं और उल्लंघन करने वालों को रेलवे अधिनियम या तंबाकू अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।


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