केशकाल क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में पहचान दिलाने कलेक्टर ने ली बैठक

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सभी झरनों को सतत प्रवाही बनाकर पर्यटन के क्षेत्र में ग्रामीणों को रोजगार दिलाने किया जा रहा प्रयास

   कोण्डागांव : विगत शुक्रवार को कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा अपने एक दिवसीय दौरे पर केशकाल पहुंचे। केशकाल वनमंडलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने केशकाल के कुएंमारी, मिरदे, बदेबेन्दरी, होनहेड, मुत्तेखड़का जैसे 10 प्राकृतिक झरनों के संवर्धन के संबंध में चर्चा की गयी। इसके अंतर्गत इन झरनों के आस-पास आवश्यक सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, पार्किंग, सड़क, बैठने के लिए स्थल, सीढ़ियों के साथ सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग एवं सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही झरनों के ऊपर डैम जैसी संरचनाओं के माध्यम से जल संग्रहण कर इन्हें गर्मी के मौसम में भी सतत प्रवाहित होने के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा। इस बने डैम से ना सिर्फ झरनों को लाभ होगा अपितु आस-पास के ग्रामीणों को पेयजल प्राप्त होगा और बारहों महीने सिंचाई हेतु जल भी प्राप्त होगा जिससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी। इस झरने के विकास के साथ इनसे संलग्न ग्रामों में ग्राम पर्यटन समितियों का निर्माण किया जाएगा जो कि झरने के आस-पास आर्थिक गतिविधियों के संचालन के साथ पर्यटन स्थल पर व्यवस्था निर्माण एवं रखरखाव के कार्य को संपादित करेंगे। इसके माध्यम से ग्राम के ग्रामीणों को पर्यटन बढ़ने से ग्राम में ही रोजगार प्राप्त होगा एवं आस-पास आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। इसके अतिरिक्त कुछ चिन्हित स्थलों पर एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। जिसमें जीप लाइन, पैराग्लिडिंग, ट्रैकिंग जैसे खेलों को शामिल किया जाएगा साथ ही पारम्परिक खेलों जैसे तीरंदाजी, गुलेल आदि को भी आदिम संस्कृति की झलक के रूप में पर्यटकों को उपलब्ध कराया जाएगा।

इस सम्बन्ध में कलेक्टर ने बताया कि वर्तमान में 20 झरनों को केशकाल क्षेत्र में खोजा जा चुका है जिनमें से 10 को प्रथम चरण में पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त टाटामारी, केशकाल घाटी पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। जिससे जिले को पर्यटन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करा कर जिले को देश के पर्यटन नक्शे में स्थापित करना है।

इस बैठक में जनपद अध्यक्ष जमील रौशन खान, वनमंडलाधिकारी बीएस ठाकुर, ईई आरईएस अरुण शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी, सरपंच, वन प्रबंधन समिति के सदस्य एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।


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