बघेल बनाम सिंहदेव की आपसी खींचतान का नतीजा जनता भुगत रही है : कौशिक

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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राजधानी में कोरोना संक्रमण के चलते हालात पूरी तरह बेक़ाबू हो जाने के बाद लॉकडाउन की घोषणा करने पर प्रदेश सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले कोरोना के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन की ज़रूरत को अस्वीकार करके प्रदेश और ख़ासकर राजधानी को महामारी के गर्त में धकेलने का काम किया है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि भाजपा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार को इस दिशा में आवश्यक उपायों के लिए आगाह करती रही, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध में आकंठ डूबी सरकार प्रदेश में क्रिकेट मैच कराने, मेला-महोत्सव कराने में ही मशगूल रही। प्रदेश कोरोना की मार से जूझ रहा है, तब मुख्यमंत्री असम के चुनावी दौरों में बयानबाजी करने में मगन थे। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेता एक बार फिर अपनी प्रदेश सरकार के निकम्मेपन पर पर्दा डालने के गर्हित उपक्रम करने लगे हैं और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप पर उतर आए हैं। नेताओं को पहले अपनी प्रदेश सरकार से तो यह पूछने की हिम्मत जुटानी चाहिए कि कोरोना सालभर में प्रदेश सरकार ने कोरोना के मुक़ाबले के लिहाज़ से अपनी कितनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, कोरोना मरीजों के इलाज की कितनी सुविधाओं का विस्तार किया और कितने नए कोविड सेंटर्स बनाकर कोरोना को लेकर मची हायतौबा को कम करने की कोशिश की है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग झूठ फैलाकर कोरोना महामारी के इस संकटकाल में भी शर्मनाक राजनीति कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बुधवार को ही दो खेप में कोविड टीके की 10 लाख और खुराक पहुँची है। कांग्रेस के नेता प्रदेश को तथ्यों से परे बातें करके भ्रमित कर रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि पहली बार पहुँची को-वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दुर्भावनावश उसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाने और अपने हठीले रवैए के चलते टीकाकरण नहीं होने के लिए कांग्रेस नेता अपनी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से सवाल पूछने की हिम्मत क्यों नहीं कर पा रहे हैं? अगर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव तब राजनीतिक नौटंकी नहीं करते तो अब तक प्रदेश में टीकाकरण के दूसरे दौर से भी अधिकांश प्रदेशवासी लाभान्वित हो चुके होते। कांग्रेस नेता अपनी सरकार के काले कारनामों से कब तक आँखें मूंदकर प्रदेशवासी कोरोना संक्रमितों को कालातीत दवाएँ देकर उनकी सेहत और जान से खिलवाड़ होते देखते रहेंगे? श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार में सत्ता-संघर्ष का खामियाजा लोगों को कोरोना संक्रमण के रूप में भोगना पड़ रहा है। 

श्री कौशिक ने कहा कि सीएम बघेल कोरोंना संकट को लेकर कितने लापरवाह रहे हैं, यह तब फिर साबित हुआ था, जब उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा इस विषय पर बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी शामिल होना उचित नहीं समझा और मुख्यमंत्री बघेल असम में व्यस्त रहे। यहां तक कि वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री पर विश्वास जताने के बजाय उन्होंने गृह मंत्री को भेजा। यह बघेल बनाम सिंहदेव की आपसी खींचतान का नतीजा है कि प्रदेश में कोरोना से हालात बेक़ाबू हो चले हैं और प्रदेश सरकार पूरी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठ गयी है जनता को अपने हाल पर छोड़ कर। श्री कौशिक ने इसे घोर दुर्भाग्यजनक बताया।


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