पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद खाद महंगी कर किसानों पर मोदी सरकार का एक और हमला

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 खाद के दामों में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता और कड़ा विरोध व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने संयुक्त बयान में मोदी सरकार से तत्काल खाद के दामों में बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग की है। पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण पहले ही किसानों की खेतों की जुताई, मताई, कटाई, मिसाई की लागत कई गुना बढ़ चुकी है। ऐसे समय खाद महंगी कर मोदी सरकार ने किसानों के लिये दूबर पर दू असाढ़ की उक्ति चरितार्थ कर दी है। फसलों के समर्थन मूल्य में मोदी सरकार अत्यल्प बढ़ोत्तरी करके पहले ही किसानों की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने में लगी है। मोदी सरकार ने समर्थन मूल्य की व्यवस्था को भी किसान विरोधी 3 काले कानून लाकर उजाड़ने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी है। अब खाद के दाम बढ़ाकर भाजपा की केन्द्र सरकार किसानों को सड़क पर ला खड़ा करना चाहती है। 

खाद की कीमतों में 58 प्रतिशत वृद्धि होने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा है कि अनाज से सब्जियां तक महंगी होगी। 1 बोरी 50 किलो डीएपी की कीमत सन 2020 में 1200 रू. प्रति बोरी मिलती थी। सन 2010 में 467.50 रू. प्रति बोरी सुलभ मिलती थी। डीएपी की बोरी अब 1200 रू. की जगह 1900 रू. में मिलेगी। मोदी सरकार की यही जहर क्रांति योजना है। मोदी सरकार किसानों को बेहाल कर रही है।


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