कोरोना से बचाव की दवाईयों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई

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कोरबा :जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए संक्रमण की रोकथाम और मरीजों के ईलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के दाम बढ़ने और उनकी जमाखोरी तथा कालाबाजारी की अपुष्ट खबरों को कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गंभीरता से लिया है। श्रीमती कौशल ने आज सुबह शहर के सभी मेडिकल स्टोर्स के संचालकों की बैठक बुलाकर ऐसी किसी भी अवैधानिक गतिविधि में शामिल नहीं होने की सलाह दी है। कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए और कोरोना मरीजों के ईलाज में उपयोग होने वाली दवाओं का जिले के मेडिकल स्टोर्स में स्टाॅक और उनका बिक्री रेट का पूरा निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश जिला खाद्य एवं औषधि नियंत्रक श्री भीष्म देव सिंह कंवर को दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दवाईयों की कालाबाजारी रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करने के निर्देश भी दिये। आज की बैठक में नगर निगम आयुक्त एवं प्रभारी एडीएम श्री एस. जयवर्धन, एसडीएम श्री सुनील नायक सहित मेडिकल स्टोर संचालक भी मौजूद रहे।

बैठक में कलेक्टर ने कोरोना के ईलाज में लगने वाली जीवन रक्षक दवाओं ईवरमैक्टिन, रेमडीशिविर, एजीथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, जिंक आदि दवाओं को शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही बेचने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की जानकारी के लिए मेडिकल स्टोर्स में इन दवाओं के प्रतिदिन के स्टाॅक और बिक्री दर को भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सख्त लहजे में चेताया कि कोरोना से बचाव और कोरोना मरीजोें के ईलाज में लगने वाली दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी पकड़ी जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मेडिकल स्टोर संचालकों के विरूद्ध एफआईआर भी कराई जा सकती है। श्रीमती कौशल पल्स आॅक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर को भी निर्धारित दरों पर ही बेचने के निर्देश मेडिकल स्टोर संचालको को दिए। उन्होंने मेडिकल स्टोर्स में काम करने वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी कर्मचारियों और संचालकों को अगले तीन दिनों में कोविड का टीका अनिवार्यतः लगवाने के भी निर्देश दिए।

बैठक मंे श्रीमती कौशल ने दवाओं के साथ-साथ हैण्डवाॅश, सेनेटाइजर और मास्कों का व्यापार करने वाले मेडिकल स्टोर्स, स्टाॅकिस्टों और डिस्ट्रब्यूटरों के यहाॅं औचक निरीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके लिये उन्होंने राजस्व विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का दल गठन कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि अवैध रूप से कोरोना रक्षक दवाईयों, सेनेटाइजर और मास्क के भण्डारण, निर्धारित दर से अधिक दाम पर उन्हें बेचने की सूचना या शिकायत मिलने पर भी तत्परता से कार्रवाई की जाये।

इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले लोगों का रखना होगा रिकाॅर्ड - बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने निर्देशित किया कि सर्दी, जुकाम, बुखार, दस्त जैसे लक्षणों वाले मरीजों को बिना डाॅक्टर की पर्ची के दवाई बेचने पर मेडिकल स्टोर संचालकों को उनका पूरा रिकाॅर्ड रखना होगा। ऐसे मरीजों का नाम, पता और मोबाइल नंबर सूची बद्ध कर प्रतिदिन शाम को उसकी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को देनी होगी। सीएमएचओ कार्यालय द्वारा ऐसे सभी मरीजों से संपर्क कर लक्षणों के हिसाब से उनका कोविड टेस्ट कराया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर ईलाज सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी। बैठक में कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि मेडिकल स्टोर्स में सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराना दुकानदारों की जिम्मेदारी होगी। बिना मास्क लगाए दवाई की खरीदी-बिक्री किए जाने पर ग्राहक के साथ-साथ दुकान संचालक पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। दवाई दुकान संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दुकानों के सामने पर्याप्त चिन्हांकन कर व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही अपने कर्मचारियों के हैण्ड सेनेटाइजेशन के लिए भी सेनेटाइजर आदि की व्यवस्था का पूरा दायित्व दुकान संचालक का होगा। श्रीमती कौशल ने दुकानदारों को सख्त हिदायत दी कि ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग, दो गज की दूरी बनाये रखने के लिये दुकानों के सामने गोले या चैकोर खाने या लाईन खिंचवायें। अपनी दुकानों में दो से अधिक लोगों को न रखें, साथ ही ग्राहकों की भीड़ न लगने दें। दवाईयां लेने आने वाले लोगों को एक-एक कर दवाई दीं जाये। कलेक्टर ने यह भी चेतावनी दी कि ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के इंतजाम के बिना किसी भी दुकान से दवा या आवश्यक वस्तु बेचने की अनुमति नहीं दी जायेगी और ऐसी सभी दुकानों को प्रशासन द्वारा बंद करा दिया जायेगा तथा दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही भी की जायेगी।


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