साधुवाद

लेखक : संजय दुबे

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रायपुर : मानवसेवा को देखने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले राजनैतिक पार्टियों,सम्प्रदाय, धर्म,जाति, लिंग से ऊपर उठकर सोचना होता है और सोचना भी चाहिए। मैं किसी भी राजनैतिक पार्टी का सदस्यता शुल्क देकर सदस्य नही बना हूँ और न ही ऐसी ही वर्तमान में चाहत है लेकिन किसी राजनैतिक पार्टी के पीछे बैठे लोग अगर मानवसेवा के लिए नगर,शहर,राज्य सहित देश मे कार्य करते है तो निःसंदेह उनकी तारीफ होनी चाहिए।

संयोगवश आज रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में कोरोना बीमारी के प्रारंभिक संक्रमित मरीजों के लिए एक देखभाल केंद्र (आजकल अंग्रेजों की भाषा के गुलामी का भी दौर है तो आप इसे केयर सेंटर भी कह सकते है) खुलने के अवसर पर जाना हुआ। चूंकि सरस्वती शिशु मंदिर को आरम्भ से ही आरएसएस द्वारा चलाया जाना माना गया है और वे भी मानते है और संयोग ये भी था कि इस देखभाल केंद्र के उद्घाटन में आरएसएस से सम्बद्ध लोग भी थे, होना भी चाहिए।

 इन लोगो ने सरस्वती शिशु मंदिर को लॉक डाउन के दौरान और ग्रीष्म काल मे अधिकारिक रूप से अवकाश के चलते स्वयंस्फूर्त 20 बिस्तरो ( 5 महिलाओं के लिए आरक्षित) का एक देखभाल केंद्र खोला है। जिसमे कोरोना के प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों की देखभाल की जाएगी।उनका समय समय पर चिकित्सकीय देखभाल के लिए एक डॉक्टर और 2-2 पुरुष/महिला स्वास्थ्य सेवक रहेंगे। यहां आने वाले मरीज के भोजन आदि की भी व्यवस्था निःशुल्क की गई है। ऐसा ही प्रयास देवेंद्र नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में भी है जो बड़े पैमाने पर है।

 प्रश्न सारगत ये है की कांग्रेस पार्टी जो कि देश के सबसे प्राचीन पार्टी है जिसका एक भाग सेवादल हुआ करता था(अब है या नही है नही मालूम) वह कहाँ है? सेवा दल मानव कल्याण के लिए कांग्रेस में एक भाग था और कठिन समय मे इनके अध्यक्ष, कार्यकर्ता सक्रिय हो जाते थे। आज छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार के अलावा बहुत से समाजसेवी संस्थाओं जे द्वारा आगे बढ़कर मानव सेवा के लिए हाथ बढ़ा रहे है लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए सरकार का कार्य ही पार्टी का कार्य हो गया है।

 राजनैतिक पार्टियों के विचारधारा को पुख्ता करने के लिए उनके विचारधारा केंद्र का होना जरूरी है जैसे भाजपा के पीछे आरएसएस है वैसे कांग्रेस के पीछे सेवादल को होना चाहिए था लेकिन कांग्रेस ने अपने इस महत्वपूर्ण संस्था को ऐसे लोगो को सौपने का काम किया जो पद के तो इक्छुक थे लेकिन कार्य के नही, इसी कारण सेवादल मृतप्राय है।

 कांग्रेस को आरएसएस से सीख लेनी चाहिए थी(केवल दीगर देशों के नकल करने से सफलता नही मिलती है) कि उनको अपने विचारों के सम्प्रेषण के लिए सेवादल को पुख़्ता रखना था। आरएसएस ने अंग्रेज मिशनरियों से शिक्षा और स्वास्थ्य के माध्यम से व्यक्ति का धार्मिक समूह बनाने की कला का नकल किया लेकिन आज 30 साल बाद देखे तो कांग्रेस का सेवादल कहॉ है पूछने वाली बात नही है। आरएसएस ने शिक्षा के माध्यम से देश मे करोड़ो व्यक्तियों को हिंदुत्व से ओतप्रोत कर दिया ।भले ही एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए इसे राजनैतिक दृष्टिकोण से बुरा माना जा सकता है लेकिन अमेरिका,इंग्लैंड, फ्रांस, इटली,जर्मनी, ईरान इराक,पाकिस्तान में शिक्षा के माध्यम से ही धर्म को बल दिया गया है। आप इसे आरएसएस की राजनैतिक चतुराई भी मान सकते है जिन्होंने देश के बहुमत को गैर मुश्लिम बनाकर देश की सत्ता को न केवल एक बार बल्कि दूसरी बार हथियाते हुए देश के नक्शे से कांग्रेस को बिखेर कर रख दिया।

 कहते है राजनीति की बिसात पर आपको वे मोहरे चलने होते है जिनसे जीत मिले, कांग्रेस को चाहिए कि वह भी अपने विचारधारा को बढ़ाने के लिए सेवादल को पुख्ता करे, देश भर में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए इस संस्था को दमदार बनाये। राजनीति में 5-10 साल का समय अल्प होता है।

रही बात मानव कल्याण की तो 20 बिस्तर का ये देखभाल केंद्र उन लोगो के लिए सुविधा और सूकून का एक केंद्र है जिनके घरों में एक -दो कमरे है और एक दो लोग कोरोना संक्रमित हो गए है।

सभी से ये बात भी कि अभी घरेलू संवेदना दिखाने के बजाय व्यवहारिक होने का समय है।आपका घर छोटा है,बच्चे छोटे है और एक या एक से अधिक व्यक्ति संक्रमित है तो बिना देर करे उन्हें प्रारम्भिक लक्षण के प्रमाण मिलने पर बिना हड़बड़ाहट के भर्ती करे।

 इस देखभाल केंद्र के सभी संचालक,सहयोगियों के अंतर्मन से आभार,वे ईश्वर के सच्चे सेवक है।


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