ऑक्सीजन स्तर -54 प्रतिशत होने के बावजूद सुरेश ने पराजित किया कोरोना को

feature-top

जांजगीर-चांपा :कोविड संक्रमित व्यक्ति की दृढ़ इच्छाशक्ति जागरूकता, चिकित्सकों का सामयिक इलाज और मरीज के आत्मविश्वास से कोरोना को आसानी से पराजित किया जा सकता है। यह सिद्ध कर दिया है जांजगीर के डेडिकेटेड कोविड केयर हास्पीटल के चिकित्सकों और कोविड पेसेंट सुरेश ने। 54 प्रतिशत आक्सीजन स्तर होने के बाद भी सुरेश ने डाक्टरों की मदद से कोरोना को पराजित कर दिया‌‌।

 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के उपचार में चिकित्सकों के सामने रोज नई-नई चुनौतियां सामने आ रही है। चिकित्सकों की सूझबूझ प्रत्युत्पन्नमति से सामयिक इलाज से मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। 

  इसीटीसी प्रभारी डाॅ अनिल जगत ने बताया कि जांजगीर के ईसीसीसी कोविड हॉस्पिटल में सक्ती निवासी 40 वर्षीय सुरेश मरावी को 54 प्रतिशत ऑक्सीजन सैचुरेशन की स्थिति में 19 अप्रैल को भर्ती किया गया था। भर्ती के समय सुरेश घबराया हुआ और हताशा की स्थिति में था। डाॅक्टरों ने मनोवैज्ञानिक परामर्श से उसका आत्म बल बढ़ाया। नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल के अन्य कर्मी भी नियमित संपर्क में रहकर उनकी हौसला-अफजाई की।

  ईसीटीसी के चिकित्सकों ने तत्काल सुरेश को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। जरूरी दवाइयां भी सामयिक रूप से दी गई। समुचित इलाज के फलस्वरूप सुरेश की तबियत में दिनोंदिन सुधार होते गया। पूर्ण स्वस्थ होने पर 8 मई को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज करने के 08 दिन पूर्व से उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन बिना मास्क के 97-98 प्रतिशत रहा। समुचित ईलाज के चिकित्सकों और सहयोगी चिकित्सा कर्मियों के प्रति सुरेश ने आभार व्यक्त किया।


feature-top