स्टेरॉयड के अनावश्यक उपयोग से भी हो रहा ब्लैक फंगस: डॉ. सरमन सिंग

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रायपुर : छग सिंधी पंचायत रायपुर छग के बैनर तले आज कोरोना महामारी पर जन जागृति हेतु वेबिनार आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि साईं कालीदास जी मुम्बई रहे,जिन्होंने हिंदू धर्म- संस्कृति पर दो शब्द कहे। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता भोपाल एम्स के सीईओ व डाइरेक्टर डा सरमन सिंग ने कहा

1.कोरोना वैक्सीन पर चल रही अफवाहों पर न जाएं। 1एक लाख वैक्सीन में एक मरीज को नुकसान हो सकता है,ऐसा हर दवाई में हो सकता है।

2. प्रमुख डा सरकार से भी सम्पर्क में रहते हैं।।हमारे अनुसार दूसरी लहरA का पीक शहरों में हो चुका है।। B का प्रभाव गांवों में हो सकता है।एनजीओ द्वारा गांवों में वैक्सीन का सकारात्मक प्रचार चलता रहे।जिससे बीमारी कम फैलेगी।।वैक्सीनेशन से एंटीबॉडी बनती है,कभी कभी वैक्सीनेशन के बाद भी आप पाजिटिव हो सकते हैं।।बीमारी की गंभीरता कम हो सकती है।

3. हर वैक्सीन के प्रभाव में फर्क हो सकता है,आप च्वाइस न करके जो वैक्सीन सेंटर में है लगवाएं।।यहा ध्यान दें,पहला व दूसरा डोज एक ही वैक्सीन हो,अलग-अलग न लें।

4. पहले व दूसरे डोज में 3माह से अधिक फर्क न हो,अन्यथा बनी हुई एंटीबॉडी का असर कम हो सकता है।

5. सरकार वैक्सीन की कमी को देखते हुए विदेशों से भी वैक्सीन आयात कर रही है।।स्पुतनिक वी के अलावा माडर्ना-जानसन एंड जानसन-फाइजर आदि।

6. छग के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी साइंटिफिक हैं,वे केवल नेता नहीं,उनका सानिध्य अच्छा लगता है।

7. होम आइसोलेशन: इलाज में अधिक स्टेराइड लेने से भी लंग्स में गलत असर होता है।ब्लैक फंगस होने का एक कारण यह भी है।

8. ब्लैक फंगस की अधिक शिकायत होने से क्रमशः नाक-आंख-दिमाग में दुष्प्रभाव होने से आपरेशन करने पड़ते हैं।।कोमा में जाने व मृत्यु का खतरा अधिक बना रहता है।।इसकी दवाएं भी कोरोना से अधिक महंगी होती हैं।।सुगर पेशेंट को अधिक नुकसान होता है।।पंचायत के प्रवक्ता दिनेश अठवानी ने आगे बताया कि कार्यक्रम के संयोजक सीए चेतन तारवानी रहे एवं छग सिंधी पंचायत के अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी जी ने अतिथियों का स्वागत किया, डा व आगंतुकों का आभार प्रदर्शन दिनेश अठवानी ने किया।जिज्ञासुओं की उपस्थिति में विशेष एम्स रायपुर के डा राधाकृष्ण रामचंदानी, रमेश मिरघानी,डा गजवानी, पवन वाधवा,सीए दिनेश व मनीषा तारवानी, महिला अध्यक्ष भावना कुकरेजा,सुदेश मंध्यान, पल्लवी चिमनानी,सी ए संजय माखीजा, आनंद जुमनानी, सतराम बजाज, सुनिल रामवानी, नारायण-वंदना वाधवा उल्हासनगर, प्रह्लाद- मुरलीधर शादीजा शादीजा, गुरमुख वाधवा राजनांदगाँव, रीना मिरघानी,वासु जोतवानी, पायल तलरेजा,विनोद मेघवानी,राजेश सेतपाल टिल्डा,उत्तम-भीमन-नीना-त्रिलोक-शंकर-देव तारवानी,संजू नारवानी,मोनाली अडवाणी, मुकेश अग्रवाल,ह्रितिका मिरघानी,नंदलाल आहूजा, कमल खत्री दिल्ली,व बिलासपुर, दुर्ग,राजनांदगाँव से सैकड़ों प्रतिभागियों ने मार्गदर्शन पाया व अनेक अफवाहों,दुष्प्रचार से निजात पाई।


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