उत्तर बस्तर कांकेर : धान के बदले दूसरी फसल लेने पर कृषक होंगे लाभान्वित

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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था, वे यदि धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगन्धित धान, अन्य फोर्टिफाइड (जिंको राईस, इंदिरा मधुराज) धान की फसल लेते है अथवा वृक्षारोपण करते है तो उन्हे प्रति एकड़ 09 हजार रूपये के स्थान पर 10 हजार रूपये इनपुट सब्सिडी दी जायेगी तथा वृक्षारोपण करने वालो को 03 वर्षो तक अनुदान भी दिया जायेगा। खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रति वर्ष 09 हजार रूपये एकड की दर से इनपुट सब्सिडी दी जायेगी। राज्य शासन द्वारा कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 03 हजार रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

     इस प्रकार आगामी खरीफ सीजन 2021 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषक धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान (जिंको राईस, इंदिरा मधुराज) ले सकते है अथवा वृक्षारोपण कर सकते हैं। कम उपजाऊ वाले जमीन पथरीली, उच्चहन भूमि, लाल मिट्टी आदि जो कि कांकेर जिले में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है वहाॅ पर किसान कोदो-कुटकी, रागी का उन्नत तरीके से खेती करके अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। पहले किसानों को कोदो कुटकी रागी बेचने में कठिनाई होती थी जिसके कारण कम दामों पर स्थानीय बिचैलियों या दुकानदारों को बेचते थे, लेकिन अब राज्य शासन द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 03 हजार रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जिससे इन फसलों का उत्पादन करने वाले कृषक निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। जिला प्रशासन द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर एवं विकासखण्ड दुर्गूकोंदल के ग्राम गोटुलमुण्डा में लघु धान्य फसलों की प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित की गई है, जिससे किसान प्रसंस्कृत अनाज बेचकर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत आगामी खरीफ मौसम 2021-22 से दायरा बढाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों जैसे-मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 09 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है।


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