"2-DG" दवा के इस्तेमाल को लेकर "डीआरडीओ" ने जारी किया निर्देश, कहा - इन्हे दवा देने में सावधानी बरती जानी चाहिए

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डीआरडीओ ने 2-डीजी (2-DG) दवा के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किया है. डीआरडीओ की तरफ से कहा गया है कि 2डीजी दवा वैसे मरीज को दी जाती है जो डॉक्टर की देखरेख में हो और उन्हें डॉक्टर ने यह दवा देने को कहा हो.

कोरोना की दवा ज्यादातर डॉक्टर उन मरीजों को देते हैं जिन्हें मॉडरेट या गंभीर इंफेक्शन हो.

यह दवा अधिकतम 10 दिनों के लिए दी जाती है. डीआरडीओ ने कहा है कि अनियंत्रित डायबिटिज, गंभीर हृदय रोगी, श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और लीवर और किडनी के गंभीर रोगियों को 2-डीजी दवा अबतक नहीं दी गयी है. इसलिए उन्हें यह दवा देने में सावधानी बरती जानी चाहिए.

डीआरडीओ ने स्पष्ट किया है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के मरीजों को भी 2-डीजी दवा नहीं दिया जाना चाहिए. ओरल दवा 2डीजी का निर्माण डीआरडीओ ने डॉ रेड्डी दवा कंपनी के सहयोग से किया है. आठ मई को इसे लॉन्च किया गया था और कोरोना के मरीजों के लिए रामबाण माना जा रहा है.

यह दवा ग्लूकोज की तरह घोलकर मरीज को दिन में दो बार दी जाती है. यह दवा कोरोना वायरस को मरीज के शरीर में अपनी संख्या बढ़ाने से रोकता है, जिसकी वजह से मरीज के शरीर में आक्सीजन की कमी नहीं होती और वह जल्द रिकवरी करता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया गया था कि यह दवा पहले कैंसर के मरीजों को दिया जाता था.


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