प. बंगाल में सांप्रदायिक तुष्टिकरण का जो नारा ममता ने दिया था, चुनाव बाद की हिंसा में उसका ही प्रकटीकरण हुआ : यादव

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य (राज्यसभा) भूपेंद्र यादव ने प. बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद हुई आगजनी, पथराव, महिलाओं से दुष्कर्म, हत्याओं और पलायन की घटनाओं को लोकतंत्र के लिए एक बड़ा ख़तरा बताते हुए कहा है कि प. बंगाल में हुईं ये घटनाएँ उस नरसंहार व पलायन की त्रासदी की याद दिलाती हैं, जो विभाजन के समय पश्चिम में पंजाब और पूर्व में बंगाल ने भोगी थी। श्री यादव ने कहा कि प. बंगाल में सांप्रदायिक तुष्टिकरण का जो नारा चुनाव के दौरान वहाँ की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने दिया था, चुनाव के बाद की हिंसा में उसका ही प्रकटीकरण हुआ। श्री यादव बुधवार को ‘देश के साथ एक संवाद’ कार्यक्रम के तहत प. बंगाल के मौज़ूदा राजनीतिक परिदृश्य पर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

 

भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद श्री यादव ने कहा कि भाजपा हिंसा की राजनीति के ख़िलाफ़ है और लोकतंत्र की मज़बूती के साथ ही सुशासन की स्थापना उसका सर्वोच्च लक्ष्य है। प. बंगाल में लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट-भ्रष्ट करने से रोकने और अपना कार्यकर्ता बंधुओं के बलिदान व संघर्षों में छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं का सहयोग रहे। प. बंगाल को वंदेमातरम व जन गण मन की रचना की भूमि, जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि, सांस्कृतिक उत्थान का केंद्र व पुनर्जागरण का प्रतीक बताते हुए श्री यादव ने कहा कि रोहिंग्या व बांग्लादेसी घुसपैठियों की घुसपैठ ने आज प. बंगाल की लोकतांत्रिक राजनीति को असहिष्णु व हिंसक बना दिया है। धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करके विपक्ष ने जिस तरह सभी मुसलमानों को एक होने कहा, वैसा भाजपा ने कभी नहीं किया। इस बार प. बंगाल में तीन ध्रुवों के बीच चुनावी संग्राम हुआ था- तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस-कम्युनिस्ट-मुस्लिम गठजोड़। श्री यादव ने कहा कि प. बंगाल में कम्युनिस्टों के ख़ात्मे में भाजपा की अहम भूमिका रही। एनडीए सरकार में मंत्री रहते हुए एनडीए के सहयोग से ही ममता बैनर्जी ने कम्युनिस्टों के शासन को उखाड़ा था लेकिन सत्ता में आने के बाद ममता बैनर्जी ने एनडीए से धोखा किया। वस्तुत: प. बंगाल धोखे की राजनीति में जी रहा है। ऐसे परिवेश में भाजपा वहाँ जनता की आवाज़ बनी और अपना राजनीतिक जनाधार बढ़ाकर टीएमसी-कम्युनिस्टों का मज़बूत विकल्प बनकर उभरी, बावज़ूद इसके कि वहाँ कांग्रेस-कम्युनिस्टों का वोट तृणमूल कांग्रस को अंदर-ही-अंदर ट्रांसफ़र हुआ।

 

भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद श्री यादव ने प. बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के बलिदान और संघर्ष की चर्चा करते हुए प. बंगाल की राजनीति में उभरे ख़तरों पर रोशनी डाली और कहा कि भारत सरकार चुनाव बाद की वहाँ की हिंसक घटनाओं का संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई कर रही है, लेकिन पीड़ितों से मिलने जा रहे राज्यपाल के दौरे में अड़ंगा डालने और पीड़ितों की शिकायत दर्ज नहीं किए जाने से वहाँ सत्ता और प्रशासन का दुरुपयोग प्रमाणित होता है। श्री यादव ने छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे ऐसे मुश्क़िल समय में प. बंगाल के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हों। हम कार्यकर्ताओं का अनावश्यक बलिदान नहीं चाहते, लेकिन बलिदान हुए कार्यकर्ताओं के बलिदान, लोकतंत्र और सुशासन की स्थापना के लक्ष्यनिष्ठ समर्पण को नमन करते हैं। यास तूफान से हुई क्षति का जायजा लेने प. बंगाल पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के रवैए को नितांत असंवैधानिक व संघीय ढाँचे के प्रतिकूल बताते हुए श्री यादव ने इसे सत्तावादी अहंकार का परिचायक बताया। प्रसंगवश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष कर श्री यादव ने कहा कि सत्तावादी अहंकार के प्रदर्शन और गाहे-बगाहे केंद्र को चिठ्ठियाँ लिखने में मुख्यमंत्री बघेल और ममता बैनर्जी एक-से हैं। केंद्र सरकार को ऐसी चिठ्ठियाँ लिखते रहना कांग्रेस का टूल किट एजेंडा है। छत्तीसगढ़ में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के ख़िलाफ़ पहले की गई एफ़आईआर के हाई कोर्ट से ख़ारिज़ होने के बावज़ूद टूल किट मामले में अब तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर कराई गई है। कोरोना टीकाकरण के राजनीतिकरण के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार को उन्होंने आड़े हाथों लिया।

 

भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद श्री यादव ने कहा कि भाजपा हार-जीत की परवाह किए बिना जनसेवा, समाज सेवा और राष्ट्र सेवा की हमारी प्रतिबद्धता है और रहेगी। प. बंगाल में एक नई तरह की राजनीतिक विकृति पनप रही है और हम सब उससे जूझ रहे हैं। जब आपातकाल के विरुद्ध हमारा संघर्ष सफल हुआ तो प. बंगाल में भी हम सफल होंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ और बंगाल के कार्यकर्ता मिलकर काम करें और बंगाल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के लोकतंत्र व सुशासन के विचार को मज़बूत करें। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस, कम्युनिस्ट दल व टीएमसी ने गुपचुप तौर पर अप्राकृतिक गठबंधन किया और अब भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले हो रहे हैं। राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कहा कि आज भाजपा 13 करोड़ सदस्यों वाली सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है, हम अन्य सभी राजनीतिक दलों से इसलिए अलग हैं कि बाकी दल अधिकारों के लिए लड़ते हैं और हम कर्तव्य निर्वहन के लिए जीतना चाहते हैं। बौद्धिक चिंतन का केंद्र प. बंगाल आज राजनीतिक हिंसा के लिए जाना जा रहा है। इस वर्चुअली सभा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, राज्यसभा सदस्य द्वय डॉ. सरोज पांडेय व रामविचार नेताम, पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले, पूर्व मंत्री व विधायक द्वय बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर, सांसद सुनील सोनी, रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, लता उसेंडी, राजेश मूणत, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, पूर्व संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह, महामंत्री नारायण चंदेल, प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव, आईटी सेल संयोजक दीपक म्हस्के सहित सभी सांसद-विधायक, प्रदेश व ज़िलों के पदाधिकारी प्रत्यक्ष व वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन विधायक शिवरतन शर्मा और आभार प्रदर्शन महामंत्री भूपेंद्र सिंह सवन्नी ने किया।


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