यूएनडीपी रिपोर्ट में "आकांक्षी जिला कार्यक्रम" की सराहना, दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसे अपनाने की सिफारिश

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संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) भारत की ओर से आज जारी एक स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट में आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) को 'स्थानीय क्षेत्र के विकास का एक अत्‍यंत सफल मॉडल' के रूप में सराहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई अन्‍य देशों में भी इसे सर्वोत्‍तम प्रथा के रूप में अपनाया जाना चाहिए जहां कई कारणों से विकास में क्षेत्रीय असमानता मौजूद हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एडीपी के तहत किए गए ठोस प्रयासों के कारण पहले से उपेक्षित जिलों, जिनमें दूरदराज के जिले और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों शामिल हैं, में पिछले तीन वर्षों के दौरान पहले के मुकाबले कहीं अधिक विकास हुआ है। अपने सफर की कुछ बाधाओं के बावजूद एपीडी पिछड़े जिलों के बीच विकास को बढ़ावा देने में बेहद सफल रहा है।

यूएनडीपी इंडिया रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव शोको नोडा ने आज यह रिपोर्ट नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत को सौंपी। इसमें आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रगति पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है और सुधार के लिए सिफारिशें की गई हैं। यह रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के मात्रात्मक विश्लेषण के साथ-साथ विभिन्न हितधारकों के साक्षात्कार पर आधारित है जिसमें जिला कलेक्‍टर, केंद्रीय प्रभारी अधिकारी, जिला के सहायक अधिकारी एवं अन्य विकास भागीदार शामिल हैं।

यूएनडीपी का यह विश्लेषण एडीपी के 5 प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित हैं जिनमें स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, बुनियादी ढांचा और कौशल विकास एवं वित्तीय समावेशन शामिल हैं।


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