पारुल खाखर को मोदी समर्थकों ने कोविड की मौत पर कविता के लिए ट्रोल किया गया

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भारत की सबसे पवित्र नदी, गंगा की विचलित करने वाली तस्वीरें, लोगों के तेरते शवों को देख पारूल ने "शबवाहिनी गंगा" नामक शोकपूर्ण 14-पंक्ति की कविता पोस्ट की।

 

हालांकि इस कविता में किसी का‌नाम नहीं था पर इशारा निष्क्रियता के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर करने के कारण सरकार की आलोचना करने वाली यह कविता, तेजी से वायरल हो गई। 

कुछ ही समय में इसका अंग्रेजी सहित आधा दर्जन भाषाओं में अनुवाद किया गया।

खाखर को मोदी के समर्थकों द्वारा बुरी तरह से ट्रोल किया गया और गाली दी गई, व्हाट्सएप पर हजारों कठोर संदेश भी साझा किए गए। 

कुछ ने उन्हें "दानव" और "राष्ट्र-विरोधी" कहा। दूसरों ने स्त्री विरोधी अपशब्दों का प्रयोग किया। इसके अलावा साथी कवियों और स्तंभकारों ने इसकी निंदा की।


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