मिताली का राज

लेखक: संजय दुबे

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वे उस प्रान्त,राजस्थान से है जहां पुरुषार्थ की बाते होती है लेकिन इसी प्रान्त से निकली एक महिला ने महिलार्थ  को भी चरितार्थ किया है।क्रिकेट जिसे पुरुषों का खेल  किसी जमाने मे माना जाता था,अब महिलाओं का भी खेल माना तो जाने लगा है। देश की तथाकथित सरकारे  संविधान  में उल्लिखित समानता के अधिकार  की भले ही बात करती है लेकिन समान कार्य के लिए समान वेतन के मामले में जब खेल जगत में महिलाओं के लिए बात आती है तो बगलें झांकती नज़र आती है। क्रिकेट में समानता  के अधिकार का खुला उल्लंघन हो रहा है।एक तरफ पुरुष टीम के कप्तान 6 करोड़ तो महिला टीम की कप्तान 50 लाख(12 गुना असमानता!) आप स्वयं आंकलन कर सकते है संविधान में उल्लिखित मूलभूत अधिकार के खुले आम उल्लंघन सौरव गांगुली  और बीसीसीआई के द्वारा का। ये बात इसलिए आयी क्योंकि अकेले सचिन तेन्दुलकर ही नही है देश मे 22 साल क्रिकेट के माध्यम से देशसेवा करने वाले, मिताली राज भी है।कल वे पुरुषों के सचिन के समान ही महिलाओं में सर्वाधिक 10273  से अधिक रन बनाने वाली महिला क्रिकेटर हो गयी है। उन्होंने इंग्लैंड की खिलाड़ी चार्लोट एडवर्ड्स का रिकॉर्ड तोड़ते हुए ये उपलब्धि हासिल की है।
 मिताली 26 जून 1999 को अपना अंतरास्ट्रीय केरियर शुरू किया था। तब से लेकर आजतक वे देश के लिए खेल रही है। समान रुप से 11टेस्ट,271वनडे और89 टी20 फॉर्मेट में वे उपयोगी खिलाड़ी रही है। अंतरास्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के लिए टेस्ट बहुत कम होते है लेकिन फटाफट क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट वनडे औऱ टी 20 में पिछले पांच सालों से अवसर ज्यादा मिल रहे है। मिताली राज के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम दो बार वनडे के फाइनल में पहुँच चुकी है। जिस प्रकार कपिलदेव का पुरुष क्रिकेट में आगमन के बाद प्रतिभावान खिलाड़ियों का अम्युदय हुआ था वैसे ही मिताली राज के आगमन के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम में भी दमदार खिलाड़ी आते जा रहे है।  ऐसे में मिताली राज को एक आदर्श महिला क्रिकेटर माना जा सकता है जो प्रेरणा के रूप में बताई जा सकती है। उम्र महज एक आंकड़ा होता है आप अपने को कितना सामर्थ्यवान बनाते है ये आप पर निर्भर करता है ,ये मिताली से आप सीख भी सकते है और चाहे तो अपनी बेटियों को भी सीखा सकते है। मिताली का राज यू ही नही बना है। इस साल वे खेल रत्न के लिए नामांकित है ईश्वर चयन समिति को सद्बुद्धि जरूर दे। जब महज 10 हजार रन बनाने पर सचिन तेंदुलकर , खेल रत्न बन सकते है वह भी अवसरों की धुँवाधार बरसात होने पर तो  अवसर बनाने वाली मिताली तो एक कदम आगे है। याद रखे ,एक समय मिताली टी20 क्रिकेट के फॉर्मेट में  भारतीय पुरूष क्रिकेट टिम के विराट और रोहित शर्मा से भी आगे चल रही थी रन बनाने के मामले में। आज आधी आबादी को पूरी 140 करोड़ की आबादी की तरफ से बधाई शुभकामनाएं।
 मिताली राज कायम रहे।


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