डीवीआर और डीईओ को लेकर नवपदस्थ कलेक्टर की हो रही किरकिरी

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राजनांदगांव । शिक्षा विभाग में पैसे देकर नियम विरूद्ध दिए गए अनुकंपा नियुक्ति की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता प्रेमनारायण वर्मा ने एक बार फिर कलेक्टर को पत्र लिखकर डीवीआर से डेटा रिकवर कराने की मांग दोहराई है क्योंकि उनका आज भी यह मानना है कि पैसे का लेन-देन कैमरा में कैद है।

श्री वर्मा ने 10जून की अनुकंपा नियुक्तियो में पैसे के लेन -देन की लिखित शिकायत कर शिक्षा विभाग में हडकंप मचा दिया था और दुसरे ही दिन 11 जून को कलेक्टर के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी के कक्ष में लगे डीवीआर को जप्त कर लिया गया था लेकिन जब इसकी जांच किया गया तो यह पाया कि इसमें तो रिकाॅॅडिंग नही है यानि फुटेज डीलिट हो चूका है।

जानकार आरंभ से यह कह रहे है कि यदि डीवीआर से डेटा डीलिट हो गया तो इसे रिकवर किया जा सकता है क्योकि पुलिस के पास ऐसे तमाम संशाधन उपलब्ध होते है जिससे डेटा रिकवर किया जाता है।

श्री वर्मा का कहना है कि उनकी शिकायत के अठारह दिन के बाद भी डीवीआर से डेटा रिकवर नही कराया गया है जबकि उनके द्वारा 18 जून को भी इसकी लिखित मांग किया गया था।

अब सवाल यह उठता है कि डीवीआर से डेटा अब तक रिकवर क्यों नही कराया गया है क्योंकि यही तो मुख्य साक्ष्य है क्योंकि जो आरोप लग रहे है वह वृहद लोकहित और भ्रष्ट्राचार से जूड़ा हुआ मामला है।

डीवीआर से डेटा रिकवर नही कराए जाने से अब आम जनता भी यह जानना चाहती है कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है या डेटा रिकवर होने से किसके उपर गाज गिर सकता है जबकि आरोप तो जिला शिक्षा अधिकारी पर लग रहे है।


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