श्री पद्मप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर लाभांडी में सिद्धचक्र महामंडल पूजा का आयोजन

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दिगम्बर जैन धर्म के अंतर्गत पर्वों में सबसे बड़ा पर्व अष्टानिका पर्व वर्ष में तीन बार कार्तिक , फाल्गुन , आषाढ़ माह के अंत मे अष्टमी से पूर्णिमा तक मनाया जाता है इस महापर्व में समाज के श्रावक , श्राविकाओं द्वारा सिद्धचक्र विधान पूजा रचाते है और सिद्धों की पूजा अर्चना अपनी अपनी , श्रद्धा व शक्तिनुसार व्रत उपवास कर पुण्यार्जन करते है आठ दिनों के विधान में प्रत्येक दिवस श्रीजी के प्रक्षाल , अभिषेक व शांतिधारा कर नित्यनियंम की पूजा के पश्चात नैमित्तिक पूजा में नन्दीश्वर दीप पूजा कर सिद्धचक्र विधान पूजा सामूहिक रूप से बड़े ही श्रद्धा ,भक्तिभाव व संगीतमय तरीके से की जाती है , इसमें बढ़ते क्रम में प्रथम दिन 8 , द्वितीय दिन 16 , तीसरे दिन 32 , चौथे दिन 64 , पांचवे दिन 128 , छठवें दिन 256 , सातवें दिन 512 व अंतिम व आठवें दिन 1024 अर्घ समर्पित कर हवन कर अनुष्ठान का विसर्जन किया जाता है , श्री पद्मप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर में वर्ष के तीनों अष्टानिका पर्व में विधान का आयोजन किया जाता है इस वर्ष भी आषाढ़ माह के इस अष्टानिका मे दिनांक 17 जुलाई शनिवार से दिनांक 24 जुलाई शनिवार तक नागपुर/ रायपुर निवासी श्रीमती सुधा राजकुमार बड़जात्या जी के प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से एवं जो स्वयं भी प्रत्येक अष्टानिका में कोमली व्रत के माध्यम पूजा अर्चना करती है , तथा हनुमान प्रसाद जी विनोद कुमार बड़जात्या परिवार के विशेष सहयोग से तथा सम्पूर्ण अनुष्ठान के आयोजन में श्री विवेक जैन के महती भूमिका द्वारा संपूर्णता की ओर अग्रसर है। लाभांडी मंदिर जी मे 

प्रतिदिन प्रातः 6 बजे श्रीजी का प्रक्षाल , अभिषेक , शांतिधारा , आरती , नित्यनियंम की पूजा में देव शास्त्र गुरु , मूलनायक श्री पद्मप्रभ भगवान की पूजा तत्पश्चात नन्दीश्वरदीप की पूजा के पश्चात सिद्धचक्र विधान की पूजा सम्पन्न होती है ।

इसमें श्री पद्मप्रभ भक्त परिवार के सदस्यों के अलावा स्थानीय समाज के अन्य श्रावक श्राविका भी बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर धर्म लाभ ले रहे है ।

24 जुलाई 2021 शनिवार को 1024 अर्घ्यं के समर्पण के साथ हवन के माध्यम से ये अनुष्ठान संपन्न होगा ।


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