नई शिक्षा नीति : 11 भाषाओं में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई – पीएम मोदी

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एक साल में देश के सभी शिक्षाविदों ने नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते एक साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार बनाकर बहुत से फैसले लिए गए। हमें यह याद रखना है कि नई शिक्षा नीति ही भविष्य के भारत का आधार तैयार करेगी और तमाम अन्य फैक्टर्स में से सबसे अहम कारण होगी। 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्था और अपनी दुनिया को अपने ही हिसाब से बनाना चाहता है। ऐसे में उसे एक्सपोजर चाहिए और पुराने बंधनों से मुक्ति चाहिए। 

पीएम मोदी ने स्थानीय भाषाओं को भी प्रमुखता देने का फैसला लिया है। जिससे इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब तमिल, मराठा, बांग्ला समेत 5 भाषााओं में शुरू होने वाली है। इसके अलावा कुल 11 भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स का अनुवाद शुरू हो चुका है। इसका सबसे ज्यादा लाभ देश के गरीब और मिडिल क्लास के स्टूडेंट्स को होगा। दलितों और आदिवासियों को होगा। इन्हीं परिवारों से आने वाले लोगों को लैंग्वेज डिवाइड का सामना करना पड़ता था। मातृभाषा में पढ़ाई से गरीबों का बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसके अलावा प्रारंभिक शिक्षा में भी मातृभाषा को प्रमोट करने का काम शुरू हो गया है।


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