आयोग की पहल पर पोता अब मिलेगा दादी से

पत्नि और बच्चों को नियमित भरण-पोषण राशि दिलाने की कोशिश

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने शास्त्री चौक, रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं से सम्बंधित प्रकरणों पर आज जनसुनवाई आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने नवनियुक्त सदस्यगण सुश्री शशिकांता राठौर, श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय के साथ की।

आज हुई सुनवाई के एक प्रकरण में आवेदिका के इकलौते पुत्र की विधवा वर्तमान में दूसरी शादी कर चुकी है।आवेदिका के बेटे का एकमात्र वारिस जो वर्तमान में लगभग डेढ़ साल का है और अब तक अनावेदिका बेटे को आवेदिका और उसके परिवार से मिलने को रोक रही थी।आयोग में समझाइश दिए जाने पर सप्ताह में दो दिन आवेदिका के पास छोड़ा करेगी ताकि बच्चा अपने मूल परिवार को पहचान सके और उस परिवार के वंश एवं सम्पत्ति के हक पर कोई परेशानी न आये।इस पर आवेदिका ने अपनी सहमति व्यक्त की। भविष्य में यदि अनावेदिका द्वारा पालन नही किये जाने की दशा में आवेदिका पुनः शिकायत कर सकेगी इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक प्रकरण में अनावेदिका अपने पति को लेकर उपस्थित हुई और उनको समझाइश देने के पश्चात आवेदिका और उसके पति से माफी मांगा है।आवेदिका ने स्वीकार किया और अनावेदिका ने इस बात में सहमति दी कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति न हो। इस निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह अन्य प्रकरण में अनावेदक ने आज आयोग के समक्ष अपनी पत्नी व बेटी को 3 हज़ार रुपए दिया तथा शेष राशि 2 हजार रुपये आगामी 2 दिनों में देगा और उनकी निवास स्थान पर नियमित आना जाना करेगा। अनावेदिक के निवास में आना जाना कर अपने आपसी सम्बधों में सुधार करके प्रकरण में आयोग के काउंसलर के माध्यम से इस प्रकरण को 2 माह निगरानी किया जाएगा, पक्षकारों की आपसी सहमति के बाद इस प्रकरण पर निर्णय लिया जाएगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और प्रथम अनावेदक पति, उपस्थित अन्य अनावेदक सास और ननद अनुपस्थित दोनो पति पत्नी को समझाइश दिया गया। आवेदिका की मुख्य शिकायत सास और ननद से है जिनके कारण पति उन्हें घर से निकाला है जबकि पति का कहना है कि आवेदिका के भाई बहन मारपीट किया था उनके खिलाफ मैने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, इस स्तर पर दोनो को विस्तृत समझाइश दी गई दोनो को अपनी शर्ते लिखित में लाने को कहा गया अनावेदक पति को कहा गया कि आगामी सुनवाई पर अपनी माँ और बहन को लेकर उपस्थित होंगे ताकि प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जा सके।

 

एक प्रकरण में शिकायतकर्ता आवेदिका द्वारा व्यक्त किया गया कि उनके द्वारा महिला थाना में भी अनावेदक के विरुद्ध शिकायत किया गया है, जिसमें परामर्श दिया गया है जिसकी कार्यवाही चल रही है। इस पर आयोग द्वारा कानूनी प्रावधान के अनुसार थाने में चल रही प्रक्रिया में अभी कोई रोक लगाना उचित नही होगा।दोनो पक्षो को आगामी 4 माह का समय दिया गया है। यदि प्रकरण में एफआईआर दर्ज हो जाती है तो आयोग में प्रकरण नस्तीबद्ध हो जाएगा। एफआईआर दर्ज नही होने पर प्रकरण की सुनवाई आगामी 4 माह बाद पुनः रखा जाएगा।

आवेदिका उपस्थित प्रथम अनावेदक अनुपस्थित अन्य अनावेदकगण उपस्थित अनावेदकगण ने बताया कि आवेदिका द्वारा पाली गयी मछलियों को बेचने रायपुर आया था और 2 बार मे 48,000 रुपये की मछली बेची साथ अन्य अनावेदक ने बताया कि 25,000 रुपये की मछली को स्वयं बेचा है। इस प्रकरण में यह प्रतीत होता है कि आवेदिका के मछलियों को अवैध रूप से निकालकर बेचने में संयुक्त रूप से सभी अनावेदकगण भागीदारी है और आवेदिका महिला के द्वारा थाना खरोरा में शिकायत करने पर भी कार्यवाही नही करने पर सहभागी और सहयोगी प्रतीत होता है चूंकि प्रथम अनावेदक गांव का ही सरपंच है आज अनुपस्थित बाबत आयोग को आवेदन पत्र दिया है । आयोग द्वारा निर्देशित किया गया कि कल की सुनवाई में सभी अनावेदक अनिवार्य रूप से तथा आवेदिका के राशि वापस करने बाबत राशि के साथ उपस्थित होने कहा गया ताकि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।


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