भारतीय महिला टीम इतिहास रचने से चूकी, बजरंग पूनिया ने जीत के साथ किया आगाज

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भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा है. भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ब्रॉन्ज मेडल के लिए फाइट कर रही थी. ग्रुप स्टेज के आखिरी दो मुकाबलों में भारत ने शानदार वापसी करते हुए अगले राउंड में जगह बनाई थी. ब्रिटेन के खिलाफ भी दो गोल से पिछड़ने के बावजूद भारत वापसी करने में कामयाब हो गया था. आखिरी दो क्वार्टर हालांकि भारत के लिए अच्छे नहीं रहे और इसी का खामियाजा भुगतना पड़ा. भारत ने मैच को एक गोल के अंतर से गंवाया. अगले ओलंपिक खेलों में फैंस को भारतीय महिला हॉकी टीम से और ज्यादा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी.

बजरंग पूनिया का क्वार्टर फाइनल मुकाबला शुरू हो गया है. बजरंग पूनिया की टक्कर ईरान के मुर्तजा से है. बजरंग पूनिया के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रहने वाला है. बजरंग पूनिया के गुरु युगेश्वर दत्त ने 2012 लंदन ओलंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था. लेकिन बजरंग पूनिया से भारत को गोल्ड की उम्मीद है.


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