चिटफंड कंपनियों से धन वापसी के लिए आवेदन जमा करने प्रतिदिन लग रही भीड़

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चिटफंड कंपनियों से धन वापसी के लिए आवेदन पत्र जमा करने की जानकारी होते ही रायपुर तहसील कार्यालय में इस आवेदन को जमा करने वालों की भीड़ लग रही है। जिसे देखकर सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले में बीते वर्षों में चिटफंड कंपनियों ने लोगों से किस तरह ठगी की है। जिला प्रशासन के निर्देश पर तहसील कार्यालय में प्रतिदिन आवेदन जमा हो रहे हैं जो 6 अगस्त तक जमा किए जाएंगे।

चिटफंड कंपनियों में पैसा जमा करने वाले बलौदाबाजार अनुविभाग क्षेत्र के निवेशक अपनी जमा राशि की वापसी के लिए 6 अगस्त तक अनुविभागीय दंडाधिकारी रायपुर कार्यालय में निर्धारित प्रारूप में आवेदन जमा करा सकते हैं। आवेदन पत्र का प्रारूप अनुविभागीय दंडाधिकारी कार्यालय बलौदाबाजार में उपलब्ध है। 

जानकारी के अनुसार हाल ही में कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जिसमें वित्तीय संस्थान व कंपनी फर्म जनता से झूठे वादे कर निपेक्ष धन राशि व अन्य मूल्यवान वस्तुएं संग्रह करती हैं। ऐसी वित्तीय संस्थानों के संचालन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा जमाकर्ताओं के निक्षेप वापस करने से पूर्व ही फरार हो जाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप ऐसे व्यक्तियों से जानकारी व जमाकर्ताओं को उनके निक्षेप वापस नहीं हो पाते हैं।

राज्य सरकार द्वारा इस सिलसिले में छग के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 और छग के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण नियम 2015 लागू किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य जनता को उनके निक्षेप वापस करने के लिए यथोचित युक्ति प्रदान करता है, जिससे कि जनता द्वारा किए गए निक्षेप का संरक्षण हो सके। छग के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत जहां जिला मजिस्ट्रेट सह सक्षम प्राधिकारी संतुष्ट हो कि किसी वित्तीय स्थापना ने कपटपूर्ण तरीके से व्यतिकम किया है या ऐसी वित्तीय स्थापना द्वारा निक्षेपकों को धोखा देने के इरादे से सोचे समझे तरीके से कार्य कर रही है और वह वित्तीय स्थापना निक्षेप राशि को वापस नहीं करेगी। उक्त परिस्थिति में प्रभावित व्यक्तियों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त कर जांच उपरांत गुणदोष के आधार पर समुचित कार्रवाई जैसे कि बैंक खाते, चल व अचल संपत्ति आदि की कुर्की की जा सकती है।


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