मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में तीन नए बोर्ड का किया गया गठन

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य सरकार ने तीन नए बोर्ड का गठन किया है, इनमें चर्मकार, रजककार और लौहशिल्प बोर्ड शामिल हैं। सरकार ने इन बोर्ड के गठन के संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन करवाया है। तीनों बोर्ड का मुख्यालय रायपुर में होगा।

मिली जानकारी के अनुसार बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्ति राज्य शासन द्वारा नामांकित कर की जाएगी। बोर्ड में प्रबंध संचालक शासन द्वारा नामांकित अधिकारी होंगे। तीनों बोर्ड आदिम जाति तथा जनजाति विकास विभाग के अधीन काम करेंगे। 

अध्यक्ष व सदस्यों को मिलेगी सुविधाएं : तीनों बोर्ड के अध्यक्षों व सदस्यों को राज्य शासन द्वारा सुविधाएं दी जाएंगी। इस संबंध में तय किया गया है कि वित्त विभाग के प्रचलित नियम निर्देशों के अनुसार सुविधाएं दी जाएंगी। बोर्ड के पदाधिकारी तीनों बोर्ड के संबंध में स्थानीय उपलब्ध साधनों को ध्यान में रखते हुए संबंधित शिल्प को अधिक से अधिक लाभप्रद बनाने के लिए सुझाव देंगे। शिल्प ए‌वं उससे जुड़े कार्यों के विकास के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल नीतियां कार्यक्रम आदि के बारे में सुझाव देंगे। तीनों प्रकार के शिल्प एवं इससे जुड़े कार्यक्षेत्रों में आर्थिक निवेश बढ़ाने के लिए ऋण साख की वर्तमान व्यवस्था को सरल बनाने के लिए सुझाव देंगे। 

राज्य सरकार तीनों बोर्ड के सदस्यों व कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएं एवं बोर्ड के संचालन के लिए अनुदान देगी। बोर्ड द्वारा किसी सामान्य या विशेष अधिकार के तहत बोर्ड के सामान्य कार्यों का सुचारु रूप से निर्वहन करने के लिए जहां भी ठीक समझे अन्य स्रोतों से राशि प्राप्त कर सकेंगे। 

बोर्ड का कार्यकाल तीन साल का होगा। चर्मशिल्पकारों को मिलेगी मदद चर्मशिल्पकार बोर्ड के गठन के उद्देश्य के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में कहा गया है कि इसका उद्देश्य राज्य में चर्मशिल्पकारों को योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही उन्नत प्रशिक्षण व उन्नत उपकरण प्रदान करना, चर्म शिल्पकार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में सहयोग करना स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋणग्रस्त चर्म शिल्पकार को राज्य शासन की योजना के अंतर्गत आवश्यक मदद करना तथा राज्य में चर्म शिल्प को बढ़ावा देना तथा इससे संबंधित व्यक्तियों को इस काम के लिए प्रोत्साहित करना है।

रजककारों और लौह शिल्पकारों को भी मदद इसी तरह रजकाकारों तथा लौह शिल्पकारों के लिए सरकार स्वरोजगार के लिए मदद करेगी। उन्हें ट्रेनिंग देने के साथ ही आर्थिक सहायता दिलाने में सहयोग किया जाएगा। जो रजककार व लौह शिल्पकार अपने रोजगार के लिए कर्ज ले चुके हैं और अदा नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। राज्य में रजककार तथा लौह शिल्प संबंधी कार्यों को बढ़ावा देने के लिए यह बोर्ड काम करेगा।


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