क्रिकेट के काशी में भज गोविंदा भज गोपाला

लेखक - संजय दुबे

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लॉर्ड्स,इंग्लैंड के वह क्रिकेट तीर्थ है जहाँ दुनियां का हर क्रिकेटर अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते है। किसी भी देश का कप्तान यहां जीत दर्ज कराकर अपना नाम उस फेरहिस्त में लिखाना चाहता है जो लॉर्ड्स के संग्रहालय में टंगी है। भारत 1932 मे इसी मैदान से अपने अंतरास्ट्रीय क्रिकेट का सफर शुरू किया था। कर्नल सी के नायडू से लेकर विराट कोहली के बीच के कप्तानों में केवल कपिलदेव और महेंद्र सिंह धोनी ही दो सौभाग्यशाली कप्तान रहे है जिनका नाम टंगा है कल इन दो नामो के अलावा विराट कोहली का नाम भी उनके टीम के साथियों के शानदार प्रयासों के कारण टँग ही गया।

लॉर्ड्स का मैदान पूरी दुनियां में परंपरा को बरकरार रखने वाला मैदान माना जाता है। आज भी टेस्ट के शुरू होने से पहले 5 मिनट तक यहां घण्टा बजाने की परंपरा है। पेवेलियन में एक दर्शक दीर्घा ऐसा है जहां प्रवेश करने के लिए टाई, कोट और सिर पर टोपी पहननी पड़ती है। ऐसे वातावरण में क्रिकेट को गेम ऑफ जीनियस कहा जाता है।ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में क्रिकेट से निगाह हटी हुई थी। जापान के शोर में इंग्लैंड में चल रहे क्रिकेट से देश नज़रे हटाये हुए था क्योंकि क्रिकेट खेला बहुत जाता है और व्यवसाय ने इसे खेल से विज्ञापन ज्यादा बना दिया है।बाज़ारवाद ने क्रिकेट औऱ क्रिकेटर्स को नुमाइशी ज्यादा बना दिया है।उनकी जीत औऱ हार में सटोरियों ने इतना ओपन क्लोज लगा दिया है कि इसके विशुद्ध खेल होने का एतबार जा चुका है। टेस्ट , एकदिवसीय टी 20 के समान बिकाऊ नही हुए है लेकिन उबाऊ है। कौन कमबख्त साढ़े सत्ताइस घण्टे खेल देखे जब महज़ साठ मिनट में भारतीय हॉकी टीम तीस मिनट में सिंधु ,15 मिनट मे मीरा बाई चानू ओलंपिक पदक जीत लेती हो।

 बहरहाल, क्रिकेट की काशी में विराट कोहली के राहुल और रोहित शर्मा के अलावा पुछल्ले गेंदबाज़ कम बल्लेबाजो ने शानदार पारी खेली। शामी औऱ बुमराह जो गेंदबाजी के लिए शुमार है उन्होंने कप्तान से बेहतर बल्लेबाज़ी दिखाई फिर चौथी पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को निपटाते भी गए। सिराज में मुझे तेज़ गेंदबाजी का नया फ्लेवर दिखता है वे भविष्य में बुमराह के लिए खतरा बन सकते है।उनके आगमन के साथ ही भुवनेश्वर कुमार के लिए ज्यादा संकट दिख रहा है। 

जीत हमेशा भविष्य के लिए ऊर्जा का सृजन करती है। विराट को इंग्लैंड के कप्तान जो रुट से प्रेरणा लेनी चाहिए। मैं जो रुट के चेहरे और बल्ले की खूबसूरती का दीवाना हूं। उनको बेटिंग करते देखने मे आनंद है। वे किसी मजनू की तरह इश्क़ करते है बल्लेबाजी से। आगे के टेस्ट में विराट के बल्लेबाज बने गेंदबाज़ों को यही खिलाड़ी रुलाएगा ये नही भूलना चाहिए शामी औऱ बुमराह को।

हिंदुस्तान की भी इंग्लैंड के समान परंपरा है।शुभ कार्य हो और दान के रूप में राशि देनी हो तो पहले अंक १ को शगुन मानते है इस कारण परंपरा के लॉर्ड्स में हमने भी परंपरा को निभाया 151 से हराया।

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