हलषष्ठी का पर्व आज, जाने क्यों मनाया जाता है यह पर्व? और क्या होता है खास?

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भारत में हलषष्ठी (हरछठ) का पर्व भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के जेष्ठ भ्राता श्री बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्री बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल है, इसी कारण उन्हें हलधर कहा जाता है। उन्हीं के नाम पर इस पर्व का नाम हलषष्ठी या हरछठ पड़ा।

हलषष्ठी के पर्व के दिन ज्यादातर महिलाएं अपनी संतानों के दीर्घायु की कामना करते हुए कठिन व्रत करती है। एवं पूजा अर्चना करती है। पर्व पर माताएं पूजा स्थल पर सगरी खोदकर भगवान शंकर, गौरी एवं गणेश जी को पचहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेलपत्र समेत अन्य सामग्रियां अर्पित करती हैं। पूजन पश्चात बिना हल के जूते हुए अनाज पसहर चावल एवं छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर उपवास तोड़ती है।


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