मरार समाज ने सामाजिक एकीकरण का प्रस्ताव किया पारित : प्रदेशाअध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल

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कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न पहलुओं पर हुई विस्तार से चर्चा। 

रायपुर/छत्तीसगढ़ मरार पटेल समाज का आवश्यक कार्यकारिणी की बैठक महामाई पारा स्थिति प्रदेश कार्यालय, रायपुर में आयोजित की गई थी। बैठक में पूरे प्रदेश के मरार पटेल समाज के सदस्यों ने हिस्सा लिया तथा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, पूरे प्रदेश के मरार पटेल समाज जिसकी जनसंख्या 25 लाख के करीब है उनसभी को एक मंच पर लाने हेतु कोसरिया मरार पटेल समाज ने सामाजिक एकीकरण का प्रस्ताव को सहमति प्रदान की गई।
उक्त बैठक में मुख्य अतिथि *प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल* ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे मरार समाज के लिए आज का दिन ऐतिहासिक और गर्व से भरा दिन है क्योंकि आज पूरे प्रदेश के मरार समाज ने एकीकरण के लिए सहमति प्रदान की है, एकीकरण के लिए कई वर्षों से प्रयासरत थे लेकिन कही न कही आज यह संभव हो पाया है अब पूरे प्रदेश के मरार समाज एक मंच पर दिखेगा जिससे हमारा मरार पटेल समाज मजबूती के साथ सामाजिक तथा राजनैतिक मुद्दों पर अपना वर्चस्व कायम कर सकेगा। एकीकरण के तहत मरार समाज में घटकवाद सामाप्त होकर विवाह हेतु कोई आपत्ति नही होगी। इसके लिए *प्रदेशाध्यक्ष ने कर्मचारी प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, राजनैतिक प्रकोष्ठ* तथा सभी समाजिक सदस्यों के प्रति एकीकरण के समर्थन करने पर आभार व्यक्त किया। 
 *कार्यकारी अध्यक्ष सुनील पटेल* ने कहा कि एकीकरण प्रस्ताव के साथ ही अब महिलाओं, युवाओं तथा राजनैतिक प्रकोष्ठ के सदस्यों को आगे आकर समाज के सेवा में लगना होगा जिससे मरार पटेल समाज सामाजिक एकता के प्रति सजग रहे, समाज युवाओं को अधिक से अधिक भागीदारी लेने की आवश्यकता है जिससे आने वाले दिनों में युवा समाज की गतिविधियों से जुड़ सके। गौरतलब है कि बैठक मरार समाज ने घटक वाद सामाप्त करने एकीकरण पर जोर दिया जो आज धरातल पर दिखने लगा है और जल्द ही मरार समाज का एकीकरण हो जायेगा। बैठक में अन्य विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर *संरक्षक ब्रम्हदेव पटेल, लोचन पटेल, पवन पटेल, अमर सिंह पटेल, पुरषोत्तम पटेल, बिशेसर पटेल, अधिवक्ता नंदकुमार पटेल, टी.आर. पटेल, रामेश्वर पटेल, केशव पटेल, महेशराम पटेल* *प्रदेश के समस्त राजध्यक्ष* , *कर्मचारी प्रकोष्ठ,* *युवा प्रकोष्ठ* , *आई.टी. प्रकोष्ठ, राजनैतिक प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, विधि प्रकोष्ठ,* सहित प्रदेश भर के स्वजातीयगण बड़ी संख्या में सामाजिक सदस्य उपस्थित थे।


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