बेघरों के टीकाकरण के लिए बनाएं नीति: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य को दिए आदेश

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मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कार्यकर्ता टीजे भानु द्वारा एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारियों को राज्य द्वारा पहचाने गए व्यक्तियों का टीकाकरण करने के लिए एक उचित नीति तैयार करनी चाहिए और तीन सप्ताह के भीतर अदालत को इसकी सूचना देनी चाहिए।
केंद्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि इसी तरह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों के लिए बेघरों को आश्रयों में स्थानांतरित करने का प्रावधान था और मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के अनुसार, पुलिस मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बाध्य थी और या तो उन्हें उनके परिवार के साथ मिलाती थी या उन्हें संस्थानों में स्थानांतरित करती थी, जिसके माध्यम से उन्हें जाब्स दिया जा सकता है।


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