साहित्यिक चोरी को लेकर मनोज मुंतशिर का पलटवार, कहा- 'मेरी कोई भी रचना शत-प्रतिशत मौलिक नहीं'

feature-top

हाल ही में, गीतकार मनोज मुंतशिर पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगने के बाद चर्चा में रहे हैं। यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म केसरी के गाने 'तेरी मिट्टी' को एक पाकिस्तानी लोक गीत से चुराया था। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि उनकी किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना' की कविता 'मुझे कॉल कर्ण' 2007 से लेखक रॉबर्ट लावेरी की रचना से काफी मिलती-जुलती है।

हालांकि, मनोज मुंतशिर ने गाने के बारे में आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अगर ये आरोप सही साबित हुए तो वह काम छोड़ देंगे, उन्होंने अपने YouTube चैनल पर एक वीडियो साझा कर साहित्यिक चोरी के बारे में सभी ज्वलंत सवालों का जवाब दिया।

मुंतशिर ने कहा कि, सभी कलाकार किसी न किसी से प्रेरित हैं, "मेरी कोई भी रचना 100% मूल नहीं है।" उनकी पिछली कई रचनाएँ अन्य लेखकों से भी प्रेरित रही हैं। "तेरी गलियाँ' गीत के एक पैराग्राफ को मोमिन की पंक्तियों ने प्रेरित किया, 'तेरे संग यारा' फ़िरख गोरखपुरी के दोहों से प्रेरित था, और मेरे अपने गीत 'तेरी मिट्टी' का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।


feature-top