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एक दिसम्बर से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, करीब 105 लाख मैट्रिक टन का धान खरीदी की संभावना
रायपुर संभाग सहित पूरे प्रदेश में आगामी एक दिसम्बर से धान खरीदी केन्द्रों माध्यम से खरीफ सीजन 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। पूरे प्रदेश में इस वर्ष 105 लाख मैट्रिक टन का धान खरीदी की संभावना है।
सचिव खाद्य टोप्पेश्वर वर्मा और कमिश्नर रायपुर ए.के टोप्पो ने न्यू सर्किट हाऊस में संभाग स्तरीय बैठक ली। बैठक में प्रबंध संचालक मार्कफेड किरण कौशल, विशेष सचिव खाद्य मनोज सोनी, संभाग के विभिन्न जिलों के कलेक्टर सौरभ कुमार, डोमन सिंह, पी.एस एल्मा, निलेश क्षीरसागर सहित रायपुर के खाद्य नियंत्रक तरुण राठौर सहित , उप संचालक कृषि, उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला विपणन अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपैक्स बैंक, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य भण्डार गृह निगम उपस्थित थे।
सचिव खाद्य टोप्पेश्वर वर्मा ने कहा कि यह कार्य राज्य शासन द्वारा संचालित महत्वपूर्ण कार्यक्रम में एक है। राज्य शासन द्वारा किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से पिछले वर्षो में साढ़े पांच हजार करोड़ रूपये की अतिरिक्त अनुदान राशि दी गई है। इससे राज्य धान बेचने वाले किसानों की संख्या और धान की मात्रा भी बढ़ी है। बैठक में धान खरीदी के साथ-साथ समितियों की व्यवस्थाओं, धान के रख-रखाव, ट्रांसर्पोटेशन, अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण, कस्टम मिलिंग आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई
सचिव खाद्य, टोप्पेश्वर वर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 45 लाख मैट्रिक टन अरवा चावल लेने की सहमति दी गई है। इसलिए जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में अरवा मिलिंग को बढ़ावा दिया जाए और अरवा चावल मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन करवाएं। उन्होंने धान खरीदी की शुरूआत से धान की गुणवत्ता, बारदाने की व्यवस्था, स्टेकिंग, रखरखाव, सुरक्षा, उठाव और गुणवत्ता आदि पर विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा। उन्होंने पिछले वर्षो की कमियों, कठिनाइयों और व्यवहारिक दिक्कतों पर चर्चा करते हुए उनका समाधान करने के निर्देश दिए।
सीमावर्ती जिलों में धान के अवैध परिवहन रोकने विशेष निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि रायपुर संभाग के अनेक जिलों की सीमा उड़ीसा राज्य से लगती है। सीमा पार से धान आने की संभावना को देखते हुए यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों की विशेष निगरानी रखी जाए जिससे धान के अवैध परिवहन को रोका जा सकें तथा उनकी धर-पकड़ की जा सकें। उन्होंने पहले दिन से ही 25 प्रतिशत् बारदाने की व्यवस्था किसानों के माध्यम से करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसानों को पिछले वर्ष के उनके द्वारा प्रदाय किए गए बारदाने के राशि देनी लंबित है, तो उसे तत्काल प्रदाय करे। उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों को टोकन देने में पहले दिन से प्राथमिकता देने और टोकन देने की पारदर्शी व्यवस्था बनाने को कहा।
मार्कफेड की एम.डी किरण कौशल ने कहा कि धान खरीदी के समय से ही एफ.ए.क्यू. का सख्ती से पालन करना होगा। धान की वैरायटी के अनुसार उनकी स्टेकिंग की जाए। इस बात पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि पुराना धान नए धान के साथ मिक्स नहीं हो। धान का उठाव, परिवहन और एफ.सी.आई और नान को देने का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने बारदाने की व्यवस्था के लिए समिति स्तर तक की प्लानिंग करने तथा जिलों में बारदाना सुपरवाइजर बनाने को कहा। उन्होंने पीडीएस और मिलर्स से भी बारदानों की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में निर्माणाधीन चबूतरों को 30 नवम्बर तक पूर्ण करने कहा गया।
समितियो में किसान पंजीयन, नाम और उनके रकबे की जानकारी समितियों में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उपार्जन केंद्रों में शार्टेज की स्थिति की समीक्षा की गई। जीरो शार्टेज का लक्ष्य बनाकर धान खरीदी करने कहा गया। खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव की तैयारी करने, पानी भरने की समस्या हो तो जल निकासी की व्यवस्था, पेयजल, गेट, अग्निशमन, प्राथमिक उपचार आदि सभी तैयारी 25 नवम्बर के पूर्व करने कहा गया। नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
जिला सहकारी बैंक रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.के.जोशी ने बताया कि रायपुर संभाग के जिलों को धान खरीदी की कार्य के लिए अभी से 5 करोड़ की राशि प्रदाय की जा चुकी है। इस वर्ष रायपुर संभाग में 6 लाख 56 हजार 282 किसानों का पंजीयन किया गया है। जिनका रकबा 7 लाख 67 हजार 514 हेक्टेयर है। गत वर्ष के मुकाबले किसानों के पंजीयन में 6.48 प्रतिशत और रकबे में 1.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैठक में गिरदावरी डाटा के अवलोकन के पश्चात् पिछले वर्ष के पंजीकृत किसानों के रकबा का डाटा अगर छुट गया हो तो उन्हें माईग्रेट करने के निर्देश दिए गए।
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