त्रिपुरा: मतदान समाप्त होते ही विपक्ष ने राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाया, नए चुनाव की मांग राखी

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त्रिपुरा में विपक्षी दलों ने व्यापक राजनीतिक हिंसा के आरोप लगाए जाने के बाद भी निकाय चुनाव 25 नवंबर को 81 % से अधिक मतदान के साथ संपन्न हुए ।

20 में से 14 निकायों में 334 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। 222 सीटों के लिए चुनाव हुए थे क्योंकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहले ही 112 सीटों पर निर्विरोध जीत चुकी है।

हालांकि राज्य चुनाव आयोग और पुलिस ने दावा किया कि राज्य भर में मतदान के दौरान ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई, लेकिन माकपा, टीएमसी और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने बड़े पैमाने पर हिंसा का आरोप लगाया है। उन्होंने भाजपा पर "गुंडों" को पनाह देने का आरोप लगाया, जिन्होंने जबरदस्ती मतदान केंद्रों पर कब्जा कर लिया और अपने एजेंटों को बूथों में प्रवेश नहीं करने दिया। उन्होंने कथित तौर पर मतदाताओं को धमकाया भी।

माकपा के वरिष्ठ नेता पबित्रा कर ने कहा, “हमने त्रिपुरा पुलिस के आईजी (कानून व्यवस्था) से बात की, राज्य चुनाव आयुक्त, चुनाव रिटर्निंग अधिकारी, स्थानीय पुलिस वे सभी चुप हैं। करीब 16 उम्मीदवारों को जबरदस्ती वार्ड से बाहर कर दिया गया। हम उन्हें सूचना देने पुलिस के पास पहुंचे। वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन कर रहे हैं।"

वाम मोर्चा ने अगरतला नगर निगम सहित पांच नगर निकायों में पुनर्मतदान की मांग की।

वही टीएमसी ने भी नए चुनाव की मांग को लेकर पूर्वी अगरतला पुलिस थाने में भी प्रदर्शन किया


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