किसानो का NRDA में धरना.. जाने पूरा मामला

feature-top

नवा रायपुर में किसान अपनी मांग को ले कर धरना प्रदर्शन कर रहे है..

क्या है किसानो की मांग...

* भू-अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा और नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलने की मांग की और कहा कि वार्षिकी राशि का पूर्ण रूप से आबंटन किया जाना चाहिए.

* पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट मिलने वाला भूखंड दिया जाए. 

* साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए.

*  गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर में दुकान 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए.

किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर ने क्या कहा

किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर ने  बताया कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी किसान इन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। तब कांग्रेस पार्टी ने इन मांगों को पूरा करने का वादा किया था। मगर बीते 3 सालों से वादे पूरे नहीं हुए। हर साल प्रभावित किसानों को 15000 रुपए भी एनआरडीए की तरफ से दिए जाते थे, जो पिछले 3 सालों से नहीं मिले हैं। उन्होने  बताया कि इस वजह से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और अब सभी ने आंदोलन का रुख अख्तियार किया है और जब तक मांगें पूरी नहीं कर दी जाती तब तक इसी तरह से आंदोलन चलता रहेगा।

NRDA का क्या कहना है..

* नया रायपुर शहर विकसित करने हेतु छ.ग. ग्राम तथा नगर निवेश अधिनियम 1973 की धारा 69 सहपठित धारा 56 के तहत् नया रायपुर डेव्हलपमेंट अथारिटी को आपसी सहमति से विक्रय कर भू - अर्जन की कार्यवाही हेतु निम्नलिखित दर पर देने के लिए सहमति व्यक्त करते हैं - 

( अ ) भूमि का मूल्य : - भूमि का आधार मूल्य रूपये 10.00 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा । भूमि सिंचित होने से रुपये 1.00 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से अतिरिक्त राशि देय होगी : 

(ब) अनुग्रह राशि : -  ग्राम लूता की 75 प्रतिशत से अधिक भूमि का भू - अर्जन किया जाने से रूपये 1.00 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से अनुग्रह राशि देय होगी । 

(स) विशेष अनुग्रह राशि का विकल्प पुर्नवास योजना की कडिका 4.1.4.2.4.3.4.4 के अनुसार हमारी भूमि के अधिग्रहण के बदले हमें प्राप्त होने वाला उद्यानिकी / आवासीय / वाणिज्यिक भूखण्ड लेना चाहते हैं ।

 अथवा

 हम पुनर्वास योजना की कंडिका 4.1.4.2.4.3 एवं 44 के अन्तर्गत उद्यानिकी / आवासीय / वाणिज्यिक भूखण्ड नहीं लेना चाहते है अतः हमें इसके एवज में नगद राशि रूपये 2.75 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से विशेष अनुग्रह राशि दी जाये ।

* रजिस्ट्री मे प्रतिबन्ध के बारे मे एनआरडीए के अधीकारी ने बताया रजिस्ट्रिय मे प्रतिबन्ध नहींं है, रजिस्ट्री कराने पूर्व केवल एनआरडीए से अनुमति लेनी है,लोग अनुमति मांग कर रजिस्ट्री करा रहे है ।

* पुनर्वास के लिए  क्राईटेरिया सेट है,आवेदक, आवेदन में उल्लेखित दस्तावेज़ों की साथ आवेदन करता है तो उस पर विदिवत कार्यवाही होगी।

* एनआरडीए अपनी कार्यप्रणाली को नियमो के अंतर्गत ही कर रहा है।

* वार्षिकी राशि की गणना, अर्जित की गयी जमीन की कई मापदंडो की आधार पर की गयी थी, कुछ हितग्राहीओ की जमीन पर दी गयी वार्षिकी राशि पर ऑडिटर द्वारा अर्जित भूमि पर दी जाने वाली राशि की गणना पर मनोनित मापदंडो की जाँच करने तक वार्षिकी राशि को रोका गया है ।

कोर्ट में मामला 

छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि नया रायपुर में किसानों का मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है. ऐसे में सरकार इसपर कोई निर्णय नहीं ले सकती है. ऐसे में अब किसानों को कोर्ट का निर्णय आने तक इंतजार करना होगा.


feature-top