24 साल में केवल 10 क्रिकेटर आये जूनियर टीम से
लेखक: संजय दुबे
भारत मे अगर किसी अभिभावक से पूछा जाए कि अगर आप अपने बच्चे को किसी खेल में डालना चाहेंगे तो कौन से खेल का चयन करेंगे? 100 में से 95 का जवाब होगा- क्रिकेट।
क्रिकेट बाहर से देखने मे भले ही मनोरंजन का खेल है लेकिन मैदान के भीतर कठिन खेल है। राष्ट्रीय टीम में आने के लिए बहुत पापड़ इस कारण भी बेलने पड़ जाते है क्योंकि बहुतायत से खिलाड़ी क्रिकेट ही खेल रहे है। महानगरों की तुलना में बड़े नगरों में सुविधा कम है इस कारण कभी कभार रांची से धोनी निकल जाते है। बहरहाल बात अंडर 19 से राष्ट्रीय टीम में आनेवाले खिलाड़ियों की हो रही है तो 1998 से लेकर 2020 (1988 का इकलौता आयोजन)तक खेले गए जूनियर वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से अगर 16 सदस्यीय टीम की संख्या ले तो 208 खिलाड़ियों में से केवल 3 कप्तान और 7खिलाडियो को अब तक राष्ट्रीय टीम में मौका मिला है। जूनियर टीम के कप्तान मोहम्मद कैफ,(2000) विराट कोहली(2008) और पृथ्वी शा(2016) के अलावा युवराज सिंह,(2000) चेतेश्वर पुजारा, पीयूष चावला,(2006) रविन्द्र जडेजा,(2008) ऋषभ पंत, इशांत किशन(2016)और शुभमन गिल(2018) ही ऐसे खिलाड़ी है जो जूनियर टीम से सीनियर टीम में आये है। जूनियर टीम से आये 10 खिलाड़ियों में केवल 2 गेंदबाज मिले है पीयूष चावला और रविन्द्र जडेजा। केवल एक विकेटकीपर ऋषभ पंत मिला है। आल राउंडर के रूप में युवराज सिंह मिले बाकी सभी खिलाड़ी बल्लेबाज मिले है। वर्तमान जूनियर टीम जो फाइनल में पहुँची है उसके कप्तान यश धुल ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगा कर उम्मीद जगाई है कि वे मोहम्मद कैफ,विराट कोहली और पृथ्वी शॉ के क्रम में खड़े होंगे लेकिन यह भविष्य के प्रदर्शन और स्थायित्व पर निर्भर करेगा। बहरहाल 208 खिलाड़ियों में से केवल 10 खिलाड़ियों का सीनियर टीम में चयन ये भी बताता है कि केवल 5 फीसदी ही सफल हुए है।
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