बस्तर के जंगलों में खून बहा रहे माओवादियों ने कहा- दुनिया रूस से हमले बंद करने कहे; बढ़ रही है महंगाई

feature-top

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर अब माओवादियों की भी चिंता बढ़ गई है। ​​​​​माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने युद्ध को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सेंट्रल कमेटी के नक्सलियों ने युद्ध का विरोध किया है। माओवादियों ने कहा कि युद्ध का पूरे विश्व में बुरा असर पड़ रहा है। मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गया है। में कच्चे तेल का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। जो कुछ दिनों में 150 डॉलर प्रति बैरल को भी छू लेगा। पूरी दुनिया में शेयर बाजार में गिरावट आई है।

नक्सलियों ने प्रेस नोट में लिखा है कि इस संकट की घड़ी में हमारे देश की भी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। गेहूं, एल्युमिनियम, मेटल की दरों ने भी आसमान छू लिया है। सेंट्रल कमेटी ने कहा कि दुनिया को खुशहाल देखने वाले हर एक व्यक्ति को आगे आकर यूक्रेन पर रूस के हमले को बंद करने का नारा बुलंद करना चाहिए। माओवादियों ने कहा कि भारत के 20 हजार से ज्यादा लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं। सरकार से सभी लोगों को मिलकर मांग करनी चाहिए कि उन्हें स्वदेश लाया जाए।

माओवादी बोले- रूस को वापस बुलानी चाहिए अपनी सेना माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने कि रूस, यूक्रेन पर लगातार बमबारी कर रहा है। रूस को हमला फौरन रोक देना चाहिए। पूर्वी रीजन के इलाकों से रूस को अपनी सेना वापस बुला लेनी चाहिए। यूक्रेन सरकार को चाहिए कि वह तुरंत मिंस्क-2 समझौते पर अमल करें। यूक्रेन को नाटो में शामिल करना बंद करें। इन सभी इलाकों से सैनिकों को हटाना चाहिए।


feature-top