babuaa Exclusive: IPL सट्टा - छोटे खाईवाल पर सितम, बड़ो पर रहम.. आखिर ऐसा क्यों..?

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राजधानी में पुलिस सालभर सट्टेबाजी और खाईवाल पर कार्रवाई करती है और अमूमन शहर में सट्टा सिमित स्तर पर ही संचालित रहता है। लेकिन क्रिकेट खासकर जब आईपीएल शुरू होता है तो सट्टे का बाजार कुछ ज्यादा ही गुलज़ार हो जाता है। स्वाभाविक है जब दांव लगाने वाले ज्यादा हों तो खाईवालो में भी बढ़ोतरी होगी ही। आपको बता दे की आईपीएल मैच पर सट्टेबाजी टॉस से शुरू होने के साथ अंतिम गेंद तक चलती हैं। 

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस बड़ी ही मुस्तैदी से अपने मुखबिर और अन्य सुचना तंत्र के जरिए खाईवालों पर कार्रवाई करती है । अगर आंकड़ों की बात करे तो आईपीएल शुरू होने से आज तक पुलिस ने रायपुर समेत प्रदेशभर में लगभग 96 खाईवालों को पकड़ा है। पुलिस की तत्परता इसी से पता चलती है की घूमती कार से भी सट्टा खिलाने वाले खाईवालों को पकड़ा गया, वाकई में पुलिस प्रशासन का कार्य प्रशंसनीय है। लेकिन अगर इन खाईवालों की गिरफ़्तारी पर गौर करे तो अमूमन यह खाईवाल सट्टा के कारोबार में पहले पंक्ति के लोग है और इनके पीछे की डोर पुलिस की पहुंच से दूर हैं। 

सट्टा के बड़े बुकी और पुलिस कार्रवाई 

जब बात सट्टे का दांव खाने वाले बड़े बुकी की आती तो इन पर कार्रवाई सिफर नज़र क्यों आती है। पुलिस का सुचना तंत्र और हाई-टेक तकनीक उन पर काम करना बंद कर देती है, आखिर ऐसा क्यों..? जब भी पुलिस किसी खाईवाल को पकड़ती है तो उसके पास से मोबाइल, कंप्यूटर, लैप टॉप और नगदी जब्त की जाती है तो क्या इन उपकरणों से यह पता लगाना इतना मुश्किल है की ये पहली पंक्ति के खाईवाल किनके पास सौदा काट रहे है ?  आज के इस तकनीकी युग में उपकरणों से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना शायद उतना मुश्किल नहीं, फिर भी छोटे खाईवालों पर सितम और बड़ो पर रहम यह एक रहस्य ही लगता है। 

क्या कहना है राजधानी एएसपी
babuaa.com ने जब इस मामले पर रायपुर एएसपी कीर्तन राठौर से बात की तो उन्होंने बताया कि रायपुर पुलिस व साइबर यूनिट द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं उनके मोबाइल फोन एवं उनके पहले की गतिविधियों पर  टेक्निकल टीम और साइबर टीम जाँच कर रही हैं। जाँच के उपरांत जिनके भी नाम सामने आएँगे उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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