चिंतन शिविर में "हारे नेताओं' की भी चिंता

feature-top
राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर में संगठन के एप्रोच में बड़े बदलाव की भूमिका बन रही है। शनिवार को चर्चा के दौरान यह बात आई है कि संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को नेता बनाना होगा। वहीं सांसद और विधायक का चुनाव हार चुके नेताओं को भी तवज्जो देना होगा। संगठन से जुड़े नेताओं ने आंकड़ों के साथ संगठन को मजबूत करने का प्लान दिया। बताया जा रहा है, एक पदाधिकारी ने कहा है पार्टी संगठन इसलिए बनाती है कि उसे चुनाव लड़ना है। इसके लिए बूथ से लेकर एआईसीसी तक का एक ढांचा है। इस पूरी कड़ी को जमीन से मजबूत करने की जरूरत है। बूथ के पदाधिकारियों को पहचान देने की जरूरत है। सरकार में हैं तो उनकी पूछ-परख होनी चाहिए। संगठन को भी उसके साथ खड़े दिखना चाहिए। ऐसा हुआ ताे वह पूरी ताकत के साथ आपको बूथ जीतकर देगा। ऐसे ही हार चुके नेताओं को लेकर है। देश भर में पांच हजार से अधिक विधानसभा सीटे हैं। अभी कांग्रेस के पास 750 विधायक हैं। शेष चार हजार लोग गुमनामी में हैं। उनको भी पहचान और सम्मान देने की जरूरत है। तभी वे संगठन के साथ लगकर अगली बार जीत के लिए मेहनत करने को तैयार होंगे। प्रदेश और जिला का अध्यक्ष बनाते समय ही प्रदेश और जिले के सभी बूथों पर समितियां बनाने का टास्क दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा हो जाता है तो हर मोहल्ले-हर गली में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी हो जाएगी। यही कार्यकर्ता कल को सरकार बनाएंगे।
feature-top