यौनकर्मियों को मिलेगा आधार कार्ड, पहचान प्रकाशित नहीं

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19 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किए गए प्रोफार्मा प्रमाण पत्र के आधार पर यौनकर्मियों को आधार कार्ड प्रदान किए जाएं। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी को सम्मान के साथ व्यवहार करने का अधिकार है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया कि यौनकर्मियों की गोपनीयता का सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी पहचान प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए।


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