तलाक-ए-हसन प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई में कोई जल्दबाजी नहीं: SC

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तलाक-ए-हसन प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की कोई जल्दबाजी नहीं है और याचिकाकर्ता से इसे अगले सप्ताह लाने को कहा। तलाक-ए-हसन के अनुसार, एक मुस्लिम व्यक्ति तीन महीने के लिए महीने में एक बार "तलाक" का उच्चारण करके अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। तलाक-ए-हसन को असंवैधानिक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।


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