शाबाश श्रुति, अंकिता, गामिनी और श्रद्धा

लेखक - संजय दुबे

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संघ लोक सेवा आयोग ने 2021 के परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में युवतियों की सफलता के साथ साथ अब प्रतियोगी परीक्षाओं में भी वे युवकों को पीछे करने में आगे होते जा रही है। इसे समाज का शुभ संकेत माना जाना चाहिए कि परंपरागत रूप से विवाह और भोजन व्यवस्था के लिए रचित इस पक्ष ने अपने लिए नए संसार के सृजन का बीड़ा खुद उठाया है और न केवल आधी बल्कि पूरी आबादी के लिए स्वयं को उद्धत करते हुए प्रेरणा बने है। संघ लोक सेवा आयोग की हर परीक्षा अत्यंत ही सूक्ष्म जानकारी के लिए जानी जाती है। स्थूल अध्ययन करने वाले इस परीक्षा के प्रारंभिक और उसके बाद मुख्य परीक्षा में ही सफल नही हो पाते है ऐसे में जब साक्षात्कार की बारी आती है तो ये रोड़ा भी पार करना कठिनतम हो जाता है।इसके बावजूद पहले तीन स्थानों में युवतियों का कब्जा होना ये संकेत भी देता है कि अगर परिवार घर मे आदर्श वातावरण बनाने में पहल करे तो विभिन्न सफलता के क्षेत्र में श्रुति, अंकिता, गामिनी और श्रद्धा( छत्तीसगढ़) झंडा गाड़ सकने के सामर्थ्य रखती है। आधी आबादी ने पहले सफल 25 अभ्यर्थियों में पहले तीन स्थान के साथ कुल 10 स्थानों पर खुद को रखा है ये चुनौती युवकों के लिए आगे खतरनाक संकेत है कि उनको कंधे से कंधा मिलाकर बराबरी की मांग करने वाली वामा अपनी गति बढ़ाते जा रही है।

 2021 के संघ लोक सेवा आयोग की सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाने वाली परीक्षा में 11 लाख लोगों ने आवेदन किया था। परीक्षा में शामिल होने के लिये सामान्य वर्ग को 100 रु और अनुसूचित जाति जनजाति सहित विशेष संरक्षित वर्ग को शुल्क से मुक्त रखा गया है। 11 लाख आवेदकों में से 5.50 लाख आवेदक शामिल ही नही हुए। इतने के लिए परीक्षा सामग्री सहित व्यवस्था में हुए खर्च जो कि अरबो रुपये होता है , उसके लिए भविष्य में चिंता जरूरी है। 5.50 अभ्यर्थियों में से 9214 ने प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता हासिल की जो कि महज शामिल अभ्यर्थियों का 19 प्रतिशत होता है। इनमें से 1824 साक्षात्कार के लिए सफल हुए, जो कि मुख्य परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों का 20 प्रतिशत होता है। 1828 में 685 चयनित हुए जो कि 26 प्रतिशत होता है। 5.50लाख में 685 आने सफलता का प्रतिशत 1.24 और असफलता का प्रतिशत 98.76 ! इससे मेहनत के चर्मोत्कर्ष को समझ सकते है कि कितने विस्तार से ज्ञान की आवश्यकता सफलता के लिए होती है।

2021 के संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय प्रशासनिक ,पुलिस, वन के अलावा एलाइड सर्विसेज के लिए चयन होता है। इस बार 508 युवक,177 युवतियां, चयनित हुई है। 244 सामान्य,105 अनुसूचित जाति,73 आर्थिक रूप से कमजोर और 60 अनुसूचित जनजाति से सफल रहे है। इनमें श्रुति शर्मा, देश की प्रथम सफल परीक्षार्थी रही है।वे 2021 बैच की नंबर 1 मानी जायेगी। उनकी मेहनत ने कल उनको साथ ही देश की आधी आबादी को जश्न का मौका दिया है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे की वे मिसाल है। वे सफलता की बेंचमार्क मानी जायेगी उनसे करोड़ो बालिकाएं, युवतियां और महिलाएं सीख ले कि बेटी भी बेटे के बराबर या उनसे ऊपर भी होती है। श्रुति के साथ साथ अंकिता अग्रवाल,गामिनी सिंघला सहित छत्तीसगढ़ की श्रद्धा शुक्ला ने सफलता के मापदंड स्थापित किये है वे महिला जगत के लिए प्रेरणास्रोत है उनसे सफलता के हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के लिए च्वयनप्रास ही मिलेगा। चयनित 685 देश के क्रीम है वे अपने अपने विभाग में योजना और उसके मूर्त रूप देने के लिए नई सोच के साथ आगे बढ़ेंगे।ऐसी आशा है।

 छत्तीसगढ़ के संदर्भ में श्रद्धा शुक्ला(45) अक्षय पिल्ले(51) ईशु अग्रवाल(81) प्रखर चंद्राकर(102) मयंक दुबे(147) प्रतीक अग्रवाल(156) अभिषेक अग्रवाल(254)आकाश श्रीमाल(316) और आकाश शुक्ला(390) रेंक में है। माना जाता है कि प्रथम 100 रेंक वाले आईएएस उसके बाद आगे रेंक में आईपीएस बनते है । ये दोनों संवर्ग लोक सेवा के आधार स्तम्भ माने जाते हैं। जिनसे विकास और कानून व्यवस्था की देख रेख की बड़ी जिम्मेदारी होती है।


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