1952 से 2017 तक बदलती रही राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया
लेखक - संजय दुबे
भारत के संविधान में राष्ट्रपति पद के लिए योग्य प्रत्याशी के मापदंड तय है।35 वर्ष की न्यूनतम आयु, लोकसभा चुनाव लड़ने की पात्रता के साथ स्वस्थ मानसिकता के साथ साथ लाभ के पद पर न होने की अलावा अनेक अनिवार्यता है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति सहित मंत्री पद को लाभ का पद नही माना गया है।
राष्ट्रपति का चुनाव, चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है पहला राष्ट्रपति का चुनाव संविधान सभा के द्वारा कराया गया था।
पहले पहल राष्ट्रपति के लिए कोई भी व्यक्ति, जो अनिवार्यता की सक्षमता रखता था चुनाव लड़ सकता था, इसके चलते बरेली के काका जोगिंदर सिंह बनाम धरती पकड़ जैसे व्यक्ति भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ लिए थे। 1997 से राष्ट्रपति के चुनाव के लिए50 मतदाता, प्रस्तावक और50 मतदाता, समर्थक की अनिवार्यता है। साथ ही 15000 रुपये जमानत राशि है।1974 तक केवल 1 प्रस्तावक और 1 समर्थक की आवश्यकता थी, ,
अब तक पक्ष - विपक्ष के अलावा 1952 में लक्ष्मण गणेश थेटे, कृष्ण कुमार चटर्जी, 1957 में चौधरी हरीराम, यमुना प्रसाद त्रिशूला 1962 में यमुना प्रसाद त्रिसूलिया, 1967 में खूबीराम, यमुना प्रसाद त्रिशूला, श्रीनिवास गोपाल भाम्भूकर, कृष्ण कुमार चटर्जी, कुमार कमल सिंह, मान सिंह सहित वोट न पाने वाले चौधरी हरिराम थंबे अहलूवालिया, सीतारमैया रामास्वामी शर्मा, होयसाला, स्वामी सत्यभक्त ने चुनाव लड़ा। 1969 में चिन्तामल द्वारकानाथ देशमुख, चंददत्त सेनानी, गुरुचरण कौर, राजा भौज पांडुरंग नत्थू जी, बाबूलाल भंग, चौधरी हरिराम, मनोविहारी, अनिरूद्ध शर्मा, खूबीराम सहित वोट न पाने वाले भागमल, कृष्ण कुमार चटर्जी, संतोष सिंह कछवाहा, रामदुलार त्रिपाठी चकोर, रामलाल पुरुषोत्तम व्यास, चुनाव लड़े1974 में सी डी देशमुख, 1987 में मिथलेश कुमार,1992 में राम जेठमलानी और काका जोगेन्दर सिंह ही ऐसे प्रत्याशी रहे है जो मुख्य विपक्ष पार्टी को छोड़कर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति रहे है।
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