जब उपराष्ट्रपति बने राष्ट्रपति

लेखक - संजय दुबे

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भारत के संविधान में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद की व्यवस्था है। अपरिहार्य स्थिति में यदि राष्ट्रपति पद पर कार्यरत व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में अगले राष्ट्रपति के निर्वाचित होने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का दायित्व उपराष्ट्रपति सम्हालते है। 1952 से लेकर 2022 के अवधि में केवल 2 अवसरों में उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति का दायित्व सम्हालने की जरूरत आन पड़ी

 भारत के तीसरे राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन की 3 मई 1969 को देहावसान हो जाने के कारण वराह वेंकट गिरी जो तत्समय उपराष्ट्रपति थे उन्होंने 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का दायित्व निभाया। देश के सातवें राष्ट्रपति फकरुद्दीन अहमद अली का निधन राष्ट्रपति पद पर रहते हुए हो गया था तब उपराष्ट्रपति बी. डी . जत्ती ने 11 फरवरी 1977 से 25 जुलाई 1977 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का दायित्व सम्हाला था।

 केवल एक अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद का निर्वाह किया था।

 ये तो कार्यवाहक रास्ट्रपति का ब्यौरा है। 6 उपराष्ट्रपति आगे चलकर देश के राष्ट्रपति बनने की परंपरा का निर्वाह किये है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन,(1962) जाकिर हुसैन,(1967) वी. वी. गिरी,(1969) आर वेंकटरमन, शंकरदयाल शर्मा(1992) और के आर . नारायण (1997 ) ऐसे राष्ट्रपति रहे जो पूर्व में उपराष्ट्रपति भी रहे थे।


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