भारत रत्न राष्ट्रपति

लेखक - संजय दुबे

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सन 1954 में देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान भारत रत्न का शुभारंभ हुआ। इस सम्मान के लिए अनिवार्यता ये है- कला, TV साहित्य,विज्ञान सहित मानव सेवा के लिए किए गए असाधारण कार्य सहित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री के द्वारा प्रस्तावित किये जाने पर देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाएगा। देश मे 13 व्यक्ति 1952 से लेकर 2017 तक राष्ट्रपति बने है। जिनमे से केवल 6 राष्ट्रपति भारत रत्न है। इनमें से 3 व्यक्ति ऐसे थे जो राष्ट्रपति बनने से पहले ही अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य कर भारत रत्न बन चुके थे। शेष 3 को राष्ट्रपति बनने के बाद भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया। हर साल 5 सितंबर को देश मे शिक्षक दिवस देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के जन्मदिवस के दिन मनाया जाता है। दर्शन शास्त्र के पारंगत सर्वपल्ली राधाकृष्णन की रुचि धर्म मे भी बराबरी की थी। उन्होंने पश्चिम के संघटित हिन्दू धर्म की आलोचना का अद्भुत खण्डन कर भारतीय संस्कृति को प्रतिष्ठित करने में कोई कसर नही छोड़ी। देश के संविधान निर्माण में वे एक आधार स्तम्भ रहे। देश ने 1954 में सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पहला भारत रत्न सम्मान दिया था।उनके साथ साथ सी राजगोपालाचारी और सी व्ही रमन भी भारत रत्न बने थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में देश के राष्ट्रपति बने थे देश के दूसरे भारत रत्न राष्ट्रपति जाकिर हुसैन थे । वे एक शिक्षाविद थे जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में देश की महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान जामिया मिलिया इस्लामिक को स्थापित कर 23 साल तक कार्य करते रहे। वे पाकिस्तान निर्माण के विरोधी थे और स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे। अर्थ शास्त्र में पी एच डी होने के साथ साथ जर्मनी में उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश मे वे जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में कुलपति होने के बाद विश्विद्यालय शिक्षा आयोग, भारतीय प्रेस , अंतरास्ट्रीय शिक्षा आयोग में महत्वपूर्ण पद पर रहे। बिहार के राज्यपाल होने के बाद देश के दूसरे उपराष्ट्रपति बने। जाकिर हुसैन 1967 में देश के तीसरे राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। तीसरे भरत रत्न राष्ट्रपति ए पी जे कलाम रहे। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कलाम की सोच बहुत ऊंची थी। वे देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संघटन(ISRO) के शीर्ष पर रहे। पोखरण परमाणु विस्फोट परीक्षण के वे महानायक थे। उनके असाधारण कार्य के लिए 1997 में भारत रत्न सम्मान दिया गया था। 2002 में उन्हें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। भारत रत्न तीन अन्य राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और व्ही वही गिरी और प्रणव मुखर्जी रहे। डॉ राजेन्द्र प्रसाद सादगी के प्रतिमूर्ति थे। देश के संविधान सभा के वे अध्यक्ष रहे। हिंदी के विकास के लिए वे अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनके राष्ट्रपति पद पर 2 बार निर्वाचित होना उनके प्रतिष्ठा को इंगित करता है। उनको 1962 में भारत रत्न सम्मान दिया गया। व्ही व्ही गिरी दूसरे राष्ट्रपति रहे जिनको कार्यकाल पूर्ण करने के बाद भारत रत्न सम्मान दिया गया। अपने आरम्भिक जीवन मे वे श्रमिक सुधारो के लिए समर्पित रहे। उन्होंने रेल्वे मजदूर संगठन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।वे देश के श्रम मंत्री भी रहे।1975 में उन्हें भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। तीसरे भारत रत्न प्रणव मुखर्जी रहे वे चुने तो कांग्रेस पार्टी से थे लेकिन उन्हें भारत रत्न भाजपा शासन काल मे मिला। ये राजनीति में व्यक्ति और व्यक्तित्व सहित व्यक्तिगत लाभ की बात है
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