आपातकालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद

लेखक - संजय दुबे

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असम में जन्मे औऱ असम से ही विधायक और सांसद बनने वाले फकरुद्दीन अली अहमद पांचवे राष्ट्रपति थे। जाकिर हुसैन के बाद वे दूसरे राष्ट्रपति बने जो अल्पसंख्यक थे। एक संयोग ये भी रहा कि फकरुद्दीन अली अहमद और जाकिर हुसैन दोनो ही अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। दोनो तीन साल तक ही राष्ट्रपति रहे। भारतीय राजनीति के सबसे कठिन दिनों (आपातकाल) के वे राष्ट्रपति थे। उन्हें आपातकालीन राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है। वे इंग्लैंड में पंडित जवाहर लाल नेहरू के मित्र रहे और उनके कहने पर राजनीति में आये थे।उनको मुश्लिम लीग ने अपने तरफ मिला लिया था लेकिन वे आज़ादी की लड़ाई में भारत छोड़ो में सामने आए। जवाहरलाल नेहरू के मृत्यु के बाद राष्ट्र्पति की परिभाषा बदलने लगी थी। फकरुद्दीन अली अहमद कड़ी बने।


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