जरनैल सिंह से बने जैल सिंह
लेखक - संजय दुबे
देश मे एक दौर ऐसा भी आया कि विदेश मैं बैठे फिरकापरस्त लोगो के चलते देश की रक्षा में 5 क( केश,कंघा,कड़ा,कृपाण,कच्छा) स्वीकारने वालो में से स्वर्ण मंदिर को आतंकवादियों का अड्डा बना दिया तहस। देश मे ये संदेश दिया जाना जरूरी था कि सुबह के भूले है शाम को आ जाएंगे। ऐसे मे राष्ट्रपति बनने वाले दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में (पहले नीलम संजीव रेड्डी) ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति बनाये गए। ज्ञानी जी पंजाब के मुख्यमंत्री रहने के बाद केंद्र की राजनीति में आकर गृह मंत्री बने थे। नाम के ज्ञानी स्कूल कालेज कभी नही गए बल्कि धार्मिक शिक्षा के कारण ज्ञानी कहलाये थे। उनका मूल नाम जरनैल सिंह था लेकिन आज़ादी की लड़ाई में जैल गए तो वापस आकर जरनैल सिंह से जैल सिंह बन गए। राष्ट्रपति के प्रधानमंत्री के साथ मनमुटाव की पहली सार्वजनिक खबर जैल सिंह के कार्यकाल में हुआ। वे पहले राष्ट्रपति बने जिन्होंने राष्ट्रपति के जेबी वीटो पावर का उपयोग किया था और डाक तार विधेयक बिल को रोक दिया था। व्यवहारिक पढ़ाई कही ज्यादा तार्किक होती है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा अपने कोट में गुलाब लगाते थे।ज्ञानी जैल सिंह पहले राष्ट्रपति रहे जो पंडित जवाहरलाल नेहरू के समान ही गुलाब लगाते रहे।
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