राज्यसभा में मनोनीत सांसद और महिलाएं
लेखक - संजय दुबे
आज देश मे राज्यसभा में मनोनीत किये गए 4 व्यक्तियों की चर्चा है इनमें एक महिला पी टी उषा है। देश के उच्च सदन में राष्ट्रपति द्वारा 12 ऐसे सदस्यों का मनोनयन किया जाता है जो राजनीति, स्वतंत्रता संग्राम,समाज सेवा, विज्ञान, अनुसंधान,कला,,खेल के माध्यम से दीर्घकालिक देश की सेवा किये हो। 1952 से लेकर 2022 तक 144 व्यक्तियों का मनोनयन किया जाना था किंतु असामयिक निधन या सदस्य द्वारा अल्पकाल में हट जाने के कारण वर्तमान में मनोनयन के लिये स्थान रिक्त है। राज्यसभा में 13 राष्ट्रपतियों के द्वारा 141 सदस्यों का मनोनयन किया गया है। 3 स्थान वर्तमान में रिक्त है।
यू तो संविधान में पुरुष और महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है लेकिन महिलाओं को बराबरी मिलती नही है। इसका उदाहरण राज्यसभा में मनोनीत व्यक्तियों में महिलाओं की संख्या देखने से पता चल जाता है।1952 से लेकर 2022 तक मनोनीत 141सांसदों में121 पुरुष और केवल 20 महिलाएं है। याने 85 फीसदी पुरुष और केवल 15 फीसदी महिलाओं को राष्ट्रपतियो के द्वारा मनोनीत किया गया है। 20 महिलाओं में केवल निर्मला देशपांडे ही अकेली महिला है जो दो बार(1997 -1999 और 2004 -2010) राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। निर्मला देशपांडे विशुद्ध गाँधीवादी महिला थी जिनके द्वारा गांधी विचारधारा को प्रचारित प्रसारित किया जाता था।
राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारासर्वप्रथम 1952 में 12 सदस्य राज्यसभा में मनोनीत किये गए थे। राजेन्द्र प्रसाद के बाद किसी भी राष्ट्रपति को एक साथ 12 सदस्य मनोनीत करने का अवसर नही मिला है। राजेंद्र प्रसाद ने भरतनाट्यम नृत्यांगना रुक्मणि देवी अरुंडेल को राज्यसभा में प्रथम महिला के रूप में मनोनीत किया था। 1962 में परिवार नियोजन कार्यक्रम को रूपरेखा देने वाली और लेखिका शकुंतला परांजपे को मनोनीत किया गया। 1978 में मुंबई में बच्चों के लिए हड्डी जोड़ने का पहला अस्पताल खोलने वाली फातमा इस्माइल को मनोनीत किया गया। 1980 में भारतीय फिल्मों की मदर इंडिया नरगिस को मनोनीत किया गया। 1982 में रसायन विज्ञानी असीमा चटर्जी मनोनीत हुई। 1986 में पहली बार दो महिलाएं एक साथ मनोनीत हुई। इला भट्ट सहकारिता और अमृता प्रीतम साहित्य के क्षेत्र से मनोनीत की गई। 1988 में असम से राजनीति में अग्रणी हुई अनवरा तैमूर का मनोनयन हुआ। 1993 में साठ के दशक की अभिनेत्री वैजयंती माला को मनोनीत किया गया। 1997 में कलात्मक फिल्मों की अभिनेत्री शबाना आज़मी का मनोनयन हुआ। 1997 में प्रसिद्ध गाँधीवादी निर्मला देशपांडे को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया गया। निर्मला देशपांडे 2004 में दोबारा राज्यसभा के लिए मनोनीत हुई थी। 1999 में स्वर कोकिला लता मंगेशकर का मनोनयन किया गया। 2003 में स्वप्न सुंदरी हेमा मालिनी को फिल्म के क्षेत्र से मनोनीत किया गया। 2006 में दो महिला पहली वास्तुविद और नृत्यांगना कमिला वात्सायन और मीडिया हाउस संचालन करने वाली शोभना भारतीय को रास्ट्रपति द्वारा राज्यसभा मे मनोनीत किया गया। 2010 में रंगमंच कलाकार बी. जयश्री को मनोनयन का सम्मान मिला। 2012 में 2 महिलाओं को राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया गया। उद्योगपति अनु आगा और फिल्म अभिनेत्री रेखा को ये सम्मान मिला। 2016 में चयनित राज्यसभा के लिए सदस्यों में महाभारत की द्रोपदी की भूमिका निभाने वाली रूपा गांगुली और खेलजगत की प्रसिद्ध मुक्केबाज मेरी कॉम मनोनयन किया गया। 2018 में प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह का मनोनयन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा किया गया था। कल राज्यसभा के लिए देश की महान एथलीट पी टी उषा का नाम चयनित किया गया है। खेल जगत से वे दूसरी महिला है। पी टी उषा ने 1984 में 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकंड के 100 वे हिस्से से पदक पाने से वंचित रह गयी थी। एशियाई खेलों में पी टी उषा ने 4 स्वर्णपदक और 1 राजतपदक जीता था। एशियन चेम्पियनशिप खेलो में 13 स्वर्ण,6 रजत, और 3 कांस्य पदक जीती है। वे आज भी देश की धावकों को प्रशिक्षण दे रही है। उनका मनोनयन खेल जगत का सम्मान है।
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