रुकी नहीं हार कर-शूटर मेहुली घोष

लेखक - संजय दुबे

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कोरिया में भारत की शूटर् मेहुली घोष ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मिक्स्ड डबल्स 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर निशाना साधा तो वे सुर्खियों में आ गयी। उनकी ये जीत इसलिए मायने रखती है क्योंकि 7 साल पहले शूटिंग रेंज में मेहुली से प्रेक्टिस के दौरान मिसफायर होने के कारण एक व्यक्ति के पैर में गोली लग गयी थी। उनको निलंबित कर दिया गया था। 15 साल की उम्र में ऐसे दुष्परिणाम के कारण मेहुली डिप्रेशन की शिकार हो गयी थी। उनकी माँ और साइक्लोलाजिस्ट ने उनको इस स्थिति से निकाला और एक साल बाद मेहुली आत्मविश्वास के साथ फिर से शूटिंग रेंज में थी। नेशनल शूटिंग चेम्पियनशिप(2016) में मेहुली ने 2 स्वर्ण पदक जीता। 2017 में मेहुली ने 8 स्वर्ण और 3 कांस्य पदक जीत कर धूम मचा दिया। चेक रिपब्लिक( 2018) में हुए जूनियर शूटिंग स्पर्धा में 123 शूटर्स में मेहुली 7वे स्थान पर रही। इसी साल वर्ल्ड चैंपियन शिप में मेहुली ने कांस्य पदक जीता साथ ही ऑस्ट्रेलिया में हुए कामनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीत कर चर्चित हो गयी। 2019 में दक्षिण एशिया में स्वर्णपदक जीत कर मेहुली अपने को स्थापित किया। 2020 और 2021 कोरोना के कारण खेल जगत के लिए भारी रहा। इस साल मेहुली ने मिक्स्ड डबल स्पर्धा में साहू तुषार माने के साथ कोरिया में स्वर्णपदक जीत कर देश के लिए सम्मान जीता है।


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