रोजर फेडरर:देश के नियम से परे नहीं है खिलाड़ी

लेखक - संजय दुबे

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दुनियां के खेले जाने वाले खेलो मी टेनिस खेल का अपना अलग जलजला है। क्रिकेट में विश्वकप जीतने में जितनी धनराशि पूरी टीम को मिलती है उससे डेढ़ गुनी राशि एक ग्रेंड स्लैम टूर्नामेंट जीतने वाले खिलाड़ी को मिलती है। ऐसे महंगे खेल के एक सर्वकालीन टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर जिन्होंने 2003 से लेकर 2017 तक 21 बार ग्रेंड स्लैम ट्रॉफी जीती, 41 साल की उम्र में रैकेट टांग दिया। 

टेनिस जगत में दहाई अंक तक ग्रेंड स्लैम ट्रॉफी जीतना मुश्किल होता है लेकिन रोजर फेडरर ने 21 बार जीत दर्ज की मायने रखता है। फेडरर ने सर्वाधिक 8 बार विम्बलडन जीता है।6-6 बार ऑस्ट्रेलियन और अमेरिकी ग्रेंड स्लैम ट्रॉफी जीती है। फ्रांस की बजरी कोर्ट में वे ले देकर 2009 में एक बार जीत सके थे इस कारण उनका नाम चारो ग्रेंड स्लैम जीतने वाले खिलाड़ियों में शुमार है।

 आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि रोजर फेडरर स्विट्जरलैंड के नागरिक है जहां हर नागरिक को 18 साल से 32 साल की उम्र के बीच 21 सप्ताह की अनिवार्यता के साथ मिलिट्री सेवा देना होता है। 18 साल की उम्र तक रोजर फेडरर नामचीन खिलाड़ी बन चुके थे। उनके लिए खेल पहले था लेकिन देश के नियम से ऊपर से नही माने गए ।उनको देश की मिलेट्री सर्विस देनी पड़ी।

 स्विट्जरलैंड खूबसूरत देश है जो ऐल्प्स पर्वत की खूबसूरती में बसा है। अधिकांश अंतरास्ट्रीय संस्थाएं इसी देश मे है। इस देश की घड़ी, चीज़ ओर टॉफी , फेडरर के अलावा देश दुनियां में प्रसिद्ध है लेकिन अनुशासन भी उतना मशहूर है।

 स्विट्जरलैंड के समान ही हर देश मे नागरिकों को अनिवार्य रूप से मिलिट्री सर्विस देने की अनिवार्यता होनी चाहिए। अगर आपने नाना पाटेकर की फिल्म प्रहार देखी होगी उसमे भी ये बात रखी गयी थी।

हमारे देश मे अनुशासन की बहुत कमी है। यहां भी कम से कम 6 महीने के लिए अनिवार्य मिलेट्री सेवा की व्यवस्था किया जाना चाहिए। हो सकता है कि आने वाले समय मे फेडरर जैसा खिलाड़ी हमे मिले या न मिले पर देश के लोग कुछ तो अनुशासित हो सकेंगे।


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