अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता 'गैर-परक्राम्य, समझौता न करने योग्य': उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ी

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत की "गैर-परक्राम्य और समझौता न करने वाली" संपत्ति है। धनखड़ ने कहा, "अगर हम इससे हटते हैं, तो हम देश की संप्रभुता और स्वस्थता के साथ समझौता करेंगे।" उन्होंने आगे बुद्धिजीवियों की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया और उनसे सक्रिय संवाद, बहस और चर्चा में शामिल होने का आग्रह किया।


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