आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द के तहत किसी भी नागरिक पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईटी अधिनियम की रद्द की गई धारा 66ए के तहत किसी भी नागरिक पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। धारा 66ए के तहत आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को 66ए का कथित रूप से उल्लंघन करने वाला कोई मामला दर्ज नहीं करने का भी निर्देश दिया।


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