किशोर न्याय अधिनियम के तहत आयु निर्धारित करने के लिए आधार वैध प्रमाण नहीं : केरल उच्च न्यायालय

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केरल उच्च न्यायालय ने पाया कि आधार कार्ड को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 द्वारा अभियुक्त के जन्म की तारीख के प्रमाण के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। अदालत 13 साल की एक लड़की को उसकी मां की कस्टडी से अगवा करने के बाद उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी लड़के द्वारा दायर जमानत याचिका पर विचार कर रही थी।


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